पांच दिनों के लिए FRI रहेगा बंद

देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान (FRI) परिसर में दिन के समय में भी तेंदुए की गतिविधियां बढ़ने के मद्देनजर आगंतुकों का प्रवेश बुधवार से पांच दिन के लिए बंद कर दिया गया है।

इस संबंध में FRI की ओर से दी गयी जानकारी में कहा गया, ‘‘परिसर के अंदर दिन के समय में तेंदुए के विचरण के कारण किसी अनहोनी से बचने और सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए सक्षम अधिकारी के निर्देशानुसार FRI परिसर को सभी आगंतुकों के लिए 02 अक्टूबर से लेकर 06 अक्टूबर तक बंद कर दिया गया है।’’ 

बताया गया कि इस समय परिसर में और मुख्य भवन के आस-पास तेंदुए की गतिविधियां बढ़ गयी हैं और वह कुत्तों तथा हिरण आदि जानवरों का शिकार कर चुका है।

जानकारी के अनुसार, 15 सितंबर से FRI में लगातार सुबह, शाम और दिन के समय में परिसर में तेंदुए को देखा जा रहा है और किसी अप्रिय घटना से बचाव के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है।

जानें वन अनुसंधान संस्थान (FRI) के बारे में

दून शहर अपनी विशिष्ट शैली की इमारतों के लिए भी देश-दुनिया में पहचान रखता है। खासकर यहां स्थित वन अनुसंधान संस्थान (FRI) की ग्रीक-रोमन शैली में बनी ब्रिटिशकालीन इमारत बरबस ही पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचती है। राष्ट्रीय धरोहर घोषित की जा चुकी FRI की महलनुमा इस भव्य इमारत को तैयार करने में छह साल लगे थे। वन क्षेत्र में अपने शोध कार्यों के लिए प्रसिद्ध इस संस्थान को एशिया में अपनी तरह के एक मात्र संस्थान होने का गौरव हासिल है।

वन अनुसंधान संस्थान (FRI) की मुख्य इमारत शहर के हृदय स्थल घंटाघर से सात किमी दूर देहरादून-चकराता हाइवे पर स्थित है। दो हजार एकड़  क्षेत्र में फैले FRI की स्थापना वर्ष 1878 में ब्रिटिश इंपीरियल फॉरेस्ट स्कूल के नाम से की गई थी।

शुरू में इसका नाम इंपीरियल फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट था। FRI 1906 में अस्तित्व में आया। बाद में इसका नाम बदलकर वन अनुसंधान संस्थान और कॉलेज कर दिया गया, जिसके देशभर में कई केंद्र हैं, जो अनुसंधान के साथ-साथ वन अधिकारियों और वन रेंजरों को प्रशिक्षण भी देते हैं।

देश में वानिकी अनुसंधान के पुनर्गठन और 1988 में भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई) के निर्माण के बाद, प्रशिक्षण और अनुसंधान केंद्रों को संस्थानों का एक स्वतंत्र दर्जा दिया गया। वन अनुसंधान संस्थान, जो अब आईसीएफआरई के अंतर्गत आता है, को यूजीसी, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार की सिफारिशों पर दिसंबर 1991 में डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया।

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