अयोध्या दीपोत्सव: रामलला के विराजित होने के बाद दीपावली में बनेगा विश्व रिकार्ड

अयोध्या के दीपोत्सव में 35 लाख दीप जलाकर विश्व रिकार्ड बनेगा। देश-विदेश के कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। मुख्यमंत्री और राज्यपाल श्रीराम, सीता व लक्ष्मण स्वरूप का पूजन करेंगे।

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अयोध्या में इस बार भी दीपोत्सव का विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा। राम की पैड़ी पर 25 लाख दीप एक साथ जलाकर विश्व रिकार्ड बनाया जाएगा। वहीं, अयोध्या नगर क्षेत्र में भी 10 लाख दीप जलाए जाएंगे। इस तरह 35 लाख दीप जलाए जाएंगे।

इसमें एक रंग के ही पोशाक में 1,100 अर्चक सवा किलोमीटर में सरयू नदी के तट पर खड़े होकर महाआरती का आयोजन करेंगे। इसके लिए पर्यटन विभाग ने अयोध्या के प्रमुख संत महंत और अन्य वरिष्ठ जनों की सूची तैयार की है। इस बार के दीपोत्सव में कई अलग चीज भी देखने को नजर आएंगी क्योंकि प्रभु राम के विराजमान होने के बाद यह पहला दीप उत्सव है जिसे खास बनाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रीराम, जानकी व लक्ष्मण स्वरूप का पूजन करेंगे। इसके साथ ही श्रीराम का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक किया जाएगा।

पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दीपोत्सव की तैयारियों की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पर्यटन व संस्कृति विभाग स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय करके 28-30 अक्तूबर तक अयोध्या के विभिन्न स्थलों पर रामायण के प्रसंगों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। इसमें देशी व विदेशी कलाकारों द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाएंगे।

दिखाई जाएंगी त्रेतायुग की झलकियां

दस बड़े सांस्कृतिक मंचों का निर्माण किया जा रहा है। इन पर अत्याधुनिक तकनीकी से त्रेतायुग की झलकियां दिखाई जाएंगी। मुख्य आयोजन 30 अक्तूबर को रामपथ, रामकथा पार्क, राम की पैड़ी तथा सरयू तट आदि पर आयोजित किए जाएंगे।

रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर आधारित झांकियां व 30 कलाकारों के साथ दल द्वारा रामपथ सचल प्रदर्शन का शुभारंभ होगा। श्रीराम-सीता व लक्ष्मण के स्वरूपों का हेलीकाप्टर से रामकथा पार्क हेलीपैड पर प्रतीकात्मक पुष्प विमान द्वारा अवतरण होगा।

इस मौके पर पर्यटन विभाग के एप व काफी टेबल बुक का विमोचन होगा। इस अवसर पर मलेशिया, म्यांमार, थाईलैंड, इंडोनेशिया, कंबोडिया तथा नेपाल के कलाकारों द्वारा रामलीला की प्रस्तुति की जाएगी।

वहीं अवधी लोकनृत्य, फरूवाही लोकनृत्य बहुरूपिया, मयूर नृत्य, ढेढिया नोकनृत्य, बमरसिया, थार लोकनृत्य, दीवारी लोकनृत्य, धोबिया नोकनृत्य, राई लोकनृत्य, आदिवासी नृत्य के 250 कलाकारों द्वारा शोभायात्रा निकाली जाएगी।

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