अडाणी के खिलाफ 265 मिलियन डॉलर रिश्वत देने के आरोप
अडाणी सहित 8 लोगों पर हुआ मुकदमा दर्ज
अडाणी ग्रुप के चेयरमैन और देश के दूसरे अमीर उद्योगपति गौतम अडाणी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। अमेरिका में धोखाधड़ी और 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने के आरोप में अडाणी के खिलाफ यह गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है।
विस्तार
अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी एक नई मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं। न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट ने बुधवार, 20 नवंबर को गौतम अडाणी सहित 8 लोगों पर अरबों की धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगाए हैं।
मामला अडाणी ग्रुप के सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट से जुड़ा है। इस प्रोजेक्ट से अडाणी ग्रुप को 20 सालों में करीब 2 बिलियन डॉलर का प्रॉफिट होने वाला था। इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। यह अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा विवाद बन गया है।
जानें क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है। 24 अक्टूबर, 2024 को यह मामला US कोर्ट में दर्ज किया गया, जिसकी सुनवाई बुधवार, 20 नवंबर को हुई।
अडाणी पर आरोप है कि रिश्वत के इन पैसों को जुटाने के लिए अमेरिकी, विदेशी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला। सागर और विनीत अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी हैं। सागर, गौतम अडाणी के भतीजे हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडाणी और सागर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।
बुधवार को ही अडाणी ने 20 ईयर ग्रीन बॉन्ड की बिक्री से 600 मिलियन डॉलर (5064 करोड़ रुपए) जुटाने की घोषणा की थी। इसके कुछ घंटों बाद उन पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं।
इस मामले में 8 आरोपी शामिल
इस मामले में गौतम अडाणी के अलावा शामिल 7 अन्य लोग सागर अडाणी, सौरभ अग्रवाल, रूपेश अग्रवाल, विनीत एस जैन, दीपक मल्होत्रा, रंजीत गुप्त और साइरिल कैबेनिस शामिल है।
इनमें से सागर अडाणी और विनीत एस जैन अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड में ऊंचे पदों पर हैं। कुछ इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि गौतम अडाणी और उनके भतीजे के खिलाफ अरेस्ट वारंट भी जारी कर दिया गया है।
यूएएस एसईसी ने अडाणी ग्रुप के आरोपों की जानकारी दी
एसईसी ने एक बयान में कहा कि, कथित साजिश के दौरान अडाणी ग्रीन ने अमेरिकी निवेशकों से 175 मिलियन अमरीकी डालर से ज्यादा की रकम जुटाई। एज्योर पावर के शेयर न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट किए गए। इस कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री की गई।
इसके साथ ही, न्यूयॉर्क के ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के अमेरिकी अटॉर्नी आफिस ने गौतम अडाणी, सागर अडाणी, कैबनेस और अडानी ग्रीन और एज्योर पावर से जुड़े दूसरे लोगों के खिलाफ आपराधिक आरोपों से जुड़ी फाइलें खोल दी है।
अमेरिका में मामला दर्ज होने की वजह
अडाणी के सोलर एनर्जी प्रोजेट में अमेरिकी निवेशकों का पैसा लगा है। अमेरिका के कानून के मुताबिक, किसी भी अमेरिकी नागरिक के पैसे का इस्तेमाल रिश्वत की लेन-देन के लिए नहीं किया जा सकता। यह अमेरिकी कानूनी के मुताबिक, एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
अडाणी पर आरोप है कि उन्होंने विदेशी निवेशकों, बैंकों और अमेरिका के नागरिकों से झूठ बोलकर रिश्वत की रकम जुटाई।यही वजह है कि गौतम अडाणी और अडाणी समूह से जुड़े उच्च पदस्थ लोग अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट के जांच के दायरे में आ गए।
अडाणी ग्रुप ने डॉलर वैल्यू वाले बॉन्ड रोके
अडाणी ग्रीन ने इन आरोपों की पुष्टि की है। अडाणी ग्रीन ने बुधवार को कहा कि अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (Securities and Exchange Commission) ने हमारे बोर्ड मेम्बर गौतम अडाणी और सागर अडाणी के खिलाफ न्यूयॉर्क की एक कोर्ट में क्रिमिनल केस और सिविल कंप्लेन दर्ज कराई है।
इसके अलावा, बोर्ड के एक और सदस्य विनीत जैन को भी जस्टिस डिपार्टमेंट ने आपराधिक मामले में शामिल किया है। इन घटनाओं को देखते हुए, हमारी सहायक कंपनियों ने फिलहाल डॉलर वैल्यू वाले बॉन्ड जारी करने की योजना को टालने का फैसला लिया है।