आयुर्वेद चिकित्सा का बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड में पहली बार विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो आयोजित किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रदेश सरकार देश की ‘प्रथम योग नीति’ लागू करने की दिशा में कार्य कर रही है।
योग नीति आयुर्वेद और योग को व्यापक स्तर पर साथ लाकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई क्रांति लाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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उत्तराखंड में पहली बार वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 का आयोजन हुआ है। देहरादून के परेड ग्राउंड में कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व केंद्रीय आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव ने किया। सम्मेलन के लिए देश विदेश से आयुर्वेद विशेषज्ञ उत्तराखंड पहुंचे हैं। इसके अलावा आयुर्वेद विशेषज्ञ 600 शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे।
केंद्रीय आयुष मंत्रालय के स्तर पर विदेशों में स्थापित आयुष चेयर के प्रतिनिधि के साथ असेंबली में आयुर्वेद पर विचार-विमर्श शुरू हो गया है। वहीं, इस मौके पर सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड को विश्व स्तरीय कार्यक्रम की मेजबानी का महत्वपूर्ण अवसर मिला है।
सीएम ने कहा कि यह सम्मेलन देवभूमि उत्तराखंड में होना राज्य के प्राकृतिक, सांस्कृतिक विधा को मजबूती प्रदान करेगा। साथ ही विश्व के कोने-कोने तक ले जाने का काम करेगा।
देवभूमि उत्तराखंड योग की भूमि, आयुष की भूमि है। साथ ही अनेक अनेक वनस्पतियों के लिए उपयुक्त भूमि है। ऋषि-मुनियों ने यहां पर अनुसंधान किए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश भर में योग का प्रचार प्रसार हो रहा है। पूरी दुनिया योग को मान रही है, क्योंकि योग ऐसी विधा है जो हमारे जीवन की दिनचर्या का हिस्सा रही है। ऐसे में फिर से लोग अपने जीवन में इसको आत्मसात कर रहे हैं। इस सम्मेलन में पूरी दुनिया से वैद्य, वैज्ञानिक, योग के क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में जो मंथन होगा और उससे जो अमृत निकलेगा, वह सभी प्राणियों के लिए अमृत का काम करेगा।
वहीं, केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रताप राव ने कहा कि आयुर्वेद को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। इस सम्मेलन के लिए 6 हज़ार से अधिक लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।
चार दिवसीय सम्मेलन में 25-30 हजार लोग शामिल होंगे। साथ ही कहा कि इस तरह के कार्यक्रम होने से देश की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद दुनिया के हर कोने में जाएगी। इसी दिशा में उनका मंत्रालय कार्य कर रहा है, क्योंकि इसी तरह के तमाम कार्यक्रम देश के तमाम हिस्सों में किये जा रहे हैं। ताकि लोगों तक आयुर्वेद को पहुंचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का सौभाग्य है कि वह आयुर्वेद के इस विश्व स्तरीय कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है। बता दें कि विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के लिए 6500 से अधिक प्रतिनिधियों ने पंजीकरण कराया है साथ ही एक्सपो में आम लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण के लिए 12 आयुष क्लीनिक भी संचालित होंगी।
12 से 14 दिसंबर तक हर दिन असेंबली का कार्यक्रम रखा गया है। प्रमुख रूप से अमेरिका, ब्रिटेन, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, श्रीलंका, इटली, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन, कनाडा, नीदरलैंड, पुर्तगाल सिंगापुर जैसे देशों में स्थापित आयुष चेयर के डेलीगेट्स असेंबली का हिस्सा होंगे।