भारत-चीन के बीच LAC विवाद सुलझने पर चीन का पहला बयान आया है। भारत के बाद अब चीन ने भी LAC पर गतिरोध खत्म होने की बात कही है। इससे पहले, 21 अक्टूबर को भारतीय विदेश मंत्रालय ने India-China के बीच LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर एक समझौता होने का एलान किया था।
चीनी विदेश मंत्रालय ने भी गतिरोध खत्म की पुष्टि
भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान के बाद चीन की तरफ से प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा था और चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान आ गया है और बयान में इस बात की तस्दीक कर दी कि पिछले साढ़े चार साल से जो गतिरोध LAC के कुछ हिस्सों में बना हुआ था वो अब ख़त्म कर लिया गया है।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, ‘‘अब दोनों पक्ष प्रासंगिक मामलों पर एक समाधान पर पहुंच गए हैं जिसकी चीन बहुत सराहना करता है।” जियान ने कहा कि चीन इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेगा। हालांकि, उन्होंने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया।
विश्वास बहाल करना सबसे अहम: जनरल उपेन्द्र द्विवेदी
पिछले साढ़े चार साल से ज्यादा वक्त से पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध खत्म होने का एलान हो गया है। पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर आम सहमति की घोषणा की। चूंकि डिप्लोमैटिक फ़ैसले को जमीन पर तो सेना ने ही लागू करना है तो इस पर भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि हम पहले अप्रैल 2020 के स्टेटस पर जाना चाहते हैं, उसके बाद डिसएंगेजमेंट, डी एस्किलेशन और एलएसी पर सामान्य मैनेजमेंट की तरफ देखेंगे।
उन्होंने कहा, “एलएसी पर हालात सामान्य करना यहीं नहीं रुकेगा। इसमें कई चरण होंगे। अभी फिलहाल हम भरोसे को बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं और ये कैसे होगा ये होगा जब हम एक-दूसरे को देखना शुरू करेंगे। एक-दूसरे पर भरोसा करना कि जो बफर ज़ोन बनाया गया है उसमें कोई ना घुसे और दोनों को ये आश्वस्त करना होगा। पेट्रोलिंग से भी उसी तरह की एडवांटेज होगी जो कि शुरू होगा। जब भरोसा क़ायम होगा तो आगे के बाकी चरण भी पर आगे बढ़ेंगे।