बापू ने तो गुल करवा दी थी टीम इंडिया की बत्ती
प्रवेश कुमारी
टीम वर्क की बदौलत टीम इंडिया टी-20 वर्ल्ड कप-2024 का विजेता जरूर बन गया, लेकिन एक समय मैच में ऐसा भी आया, जब जीत मुश्किल लगने लगी थी। यह हुआ था अक्षर पटेल (axar patel) के ओवर के बाद।
बैटिंग में जिस अक्षर पटेल की बापू -बापू कहकर तारीफ करते कमेंटेटर थक नहीं रहे थे, वहीं अक्षर अब विलेन बन चुके थे। उन्होंने तो टीम इंडिया की बत्ती ही गुल करवा दी थी।
जी हां। स्थान था।
बारबाडोस का किंन्सिंग्टन स्टेडियम। टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत का मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से चल रहा था। दक्षिण अफ्रीका की पारी का 15वां ओवर शुरू हो चुका था। उसके बेहद मजबूत बल्लेबाज हेनरी क्लासेन और डेविड मिलर क्रीज पर थे।
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को उम्मीद थी कि अक्षर पटेल पहले की तरह कुछ ऐसा कारनामा कर दिखाएंगे, जिससे टीम इंडिया को विकेट मिलेगा और जीत की राह दिखने लगेगी।
लेकिन यह क्या? एक एंड पर पूरी तरह सेट हो चुके हेनरी क्लासेन ने अक्षर पटेल की गेंदबाजी की बखिया उधेड़ते हुए उनकी बैंड बजा दी। उन्होंने उनके ओवर में दो चौके और दो छक्के जड़कर 24 रन सूत दिए।
इससे भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच स्कोर में जो रनों का गैप चल रहा था, वह खत्म हो गया। 15वें ओवर से पहले दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए जहां 36 बॉल पर 54 रन बनाने थे, इस ओवर के बाद 30 बॉल पर केवल 30 ही रन बनाने को बाकी रह गए थे।
इस ओवर के बाद न केवल स्टेडियम, बल्कि टीवी पर मैच देख रहे सभी दर्शक लगभग सकते में आ गए। इस वक्त हालत यह थी कि अगर दक्षिण अफ्रीका हर बॉल पर रन बनाता तो भी मैच जीत जाता।
हर कोई अक्षर पटेल को गरिया रहा था। उनकी बैटिंग पर फिदा हुए लोग अब उनको इस बॉलिंग के लिए कोस रहे थे। टीम इंडिया के खिलाड़ियों की बॉडी लैंग्वेज बदल चुकी थी। लोग अपना टीवी बंद करने की सोचने लगे थे।
लेकिन इसके बाद आए जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पांड्या ने अपने ओवरों से भारत को जीत के दरवाजे तक पहुंचा दिया।
भारत ने मैच जरूर जीता, लेकिन अक्षर पटेल के ओवर को याद करके हर खेल प्रेमी के दिल में यह कसक जरूर उभर रही थी कि अगर क्लासेन क्रीज पर बने रहते तो आज भारत की टीम के पास जो कप है, वह दक्षिण अफ्रीका के पास होता और अक्षर पटेल के माथे पर वह कलंक लग चुका होता जिसे वह चाहकर भी कभी हटा ना पाते।
टी-20 विश्व कप फाइनल में अक्षर पटेल की बॉलिंग परफार्मेंस इस कदर खराब रही कि उन्होंने चार ओवर में 12.25 की इकोनॉमी से 49 रन पिटवाए।
हालांकि इस फाइनल मैच से ठीक पहले इंग्लैंड के साथ खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में उन्हें मैन ऑफ द मैच का खिताब भी मिला था। उन्होंने मैच 23 रन देकर तीन विकेट झटके थे। इसके अतिरिक्त 10 रन बनाए थे।
यदि रनों की बात करें तो अक्षर पटेल पिछले कुछ समय से बतौर ऑलराउंडर बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां तक कि फाइनल मैच में भी भारतीय बल्लेबाजी के दौरान उन्होंने केवल 31 बॉल का सामना करके 47 महत्वपूर्ण रन जोड़े थे।
यही वजह थी कि भारतीय कप्तान अक्षर पटेल पर लगातार भरोसा जाता रहे थे। यह अलग बात है कि फाइनल मैच में अक्षय पटेल अपनी बॉलिंग में उस भरोसे को बरकरार नहीं रख सके।
ऐसा नहीं कि दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों ने केवल अक्षर पटेल को ही पीटा हो। फाइनल मैच में सभी स्पिनरों की यही हालत रही। चाइना मैन के नाम से विख्यात कुलदीप यादव ने 12 की इकोनॉमी से चार ओवर में 45 रन दिए। वहीं रविन्द्र जडेजा का गेंदबाजी प्रदर्शन भी बेहद खराब रहा।
शुक्र रहा कि टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल मैच में हार्दिक पांड्या ने क्लासेन को चलता किया और रही-सही कसर सूर्यकुमार यादव के बाउंड्री पर लगा के गए शानदार कैच ने जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी के साथ पूरी कर दी। और दक्षिण अफ्रीका बाहर हो गया।
वरना यदि टीम इंडिया के हाथों से कप फिसल जाता तो तय मानिए की सारी लानत-मलामत अक्षर पटेल के हिस्से में आनी थी। इसके कुछ छींटे रोहित शर्मा की कप्तानी पर भी पड़ते। कहा जाता कि उन्होंने बुमराह को लाने में लेट कर दी। लेकिन अब कप अपना है तो चारों तरफ चीयर्स है।