पीएम नरेंद्र मोदी 22-23 अक्तूबर को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए रूस का दौरा करेंगे। बता दें कि इस बार 16वें ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन रूस के कजान में किया जा रहा है। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ब्रिक्स सदस्यीय देशों के साथ द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं।
“न्यायसंगत वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना” विषय पर आयोजित यह शिखर सम्मेलन नेताओं को प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन
ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अमेरिका शामिल हैं। हाल ही में मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सउदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ब्रिक्स के सदस्य बने हैं। बढ़ी हुई सदस्यता के साथ ब्रिक्स दुनिया की 45% आबादी और 28 फीसदी अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करने वाला संगठन बन गया है।
चीनी राष्ट्रपति भी लेंगे हिस्सा
रूस के कजान में आयोजित इस सम्मेलन में पीएम मोदी के अलावा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हिस्सा लेंगे। लगभग एक साल बाद पहली बार ऐसा होगा कि पीएम मोदी और जिनपिंग एक साथ एक मंच पर होंगे। इससे पहले दोनों नेताओं की मुलाकात अगस्त 2023 में दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान ही हुई थी।
ब्रिक्स की इस बैठक में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजेश्कियान और फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास भी होंगे। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते जहां यूक्रेन अपनी शांति समझौता शर्तों पर ही बात करना चाहता है। ऐसे में फिलहाल न तो रूस साथ बैठने की स्थिति में है और न यूक्रेन इसके लिए राजी है।
ब्रिक्स इतिहास
ब्रिक (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) देशों के नेताओं ने पहली बार 2006 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में मुलाकात की थी। कई उच्च स्तरीय बैठकों के बाद, ब्रिक का पहला शिखर सम्मेलन 2009 में रूस के येकातेरिनबर्ग में आयोजित किया गया था।
सितंबर 2010 में न्यूयॉर्क में ब्रिक विदेश मंत्रियों की बैठक में दक्षिण अफ्रीका को पूर्ण सदस्य के रूप में स्वीकार किए जाने के बाद ब्रिक समूह का नाम बदलकर ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) कर दिया गया।
ब्रिक्स एक महत्वपूर्ण समूह है जो दुनिया की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है, जिसमें दुनिया की 41 प्रतिशत आबादी शामिल है, जो विश्व जीडीपी का 24 प्रतिशत है और विश्व व्यापार में 16 प्रतिशत से अधिक हिस्सा रखता है।
सितंबर की शुरुआत में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को एक निमंत्रण दिया, जिसमें 22 अक्टूबर को कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बैठक का प्रस्ताव रखा गया था।