पांच सालों में बढ़ने के बजाय घट गई पांच क्षेत्र पंचायत सीट
2024 में जारी रिपोर्ट में क्षेत्र पंचायतों की कुल 2,936 सीटें दर्ज
ग्राम पंचायतों की संख्या 27 और पंचायत वार्डों की संख्या बढ़कर हुई 138
उत्तराखंड में पिछले पांच सालों में क्षेत्र पंचायतों की सीटें बढ़ाने के बजाए पांच सीटें कम हो गईं हैं, सभी सीट पर्वतीय जिलों की है जबकि जिला पंचायतों में केवल दो नई सीटें जुड़ी हैं।
वर्ष 2024 के लिए जारी रिपोर्ट के मुताबिक, हरिद्वार जिले को छोड़ अन्य 12 जिलों में क्षेत्र पंचायतों की कुल 2,936 सीटें हैं। 2020-21 में किए गए परिसीमन में ये सीटें 2,941 थीं।
जिला पंचायतों में 2020-21 में हरिद्वार को छोड़ अन्य 12 जिलों में 341 सीटें थीं इन वर्षों में मात्र दो सीट बढ़ी हैं जो अब केवल 343 हो पाई हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह परिसीमन आबादी के हिसाब से किया गया है, हालांकि कुछ क्षेत्रों में निकायों के विस्तार के कारण भी सीटों में कमी-बढ़ोतरी हुई है।
ग्राम पंचायतों की संख्या 27 और पंचायत वार्डों की संख्या 138 बढ़ी है। नए परिसीमन के बाद विभिन्न जिलों में जिला पंचायतों की सीट ऊधमसिंह नगर में 35, अल्मोड़ा में 45, नैनीताल में 27, पिथौरागढ़ में 32, बागेश्वर में 19, पौड़ी गढ़वाल में 38, चमोली में 26, रुद्रप्रयाग में 18, उत्तरकाशी में 28, देहरादून में 30, जबकि चंपावत जिले में विकासखंड पाटी के तहत परिसीमन नहीं हुआ।
“आबादी के हिसाब से पंचायतों का परिसीमन किया गया है। क्षेत्र पंचायत का मानक औसतन 1,250 की जनसंख्या है, जबकि जिला पंचायत का मानक 12,000 और ग्राम पंचायत का 500 एवं इससे अधिक का है।” यह स्थिति राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन की समस्या को उजागर करती है, जो पिछले 24 वर्षों से जस की तस बनी हुई है।- उप निदेशक पंचायत मनोज तिवारी