केंद्र सरकार ने किया आधिकारिक ऐलान
स्टेट ब्यूरो
मंकीपॉक्स (M-POX) का संक्रमण अब भारत में भी दस्तक दे चुका है। रविवार, 8 सितंबर को भारत में मंकीपॉक्स के पहले संदिग्ध रोगी की पहचान की गई थी। एक दिन पहले ही दिल्ली के इस संदिग्ध मरीज को अस्पताल में आइसोलेट किया गया। अब उसके सैंपल की जांच के बाद उसमें एमपॉक्स वायरस होने की पुष्टि हुई है।
यह मरीज हाल ही में विदेश से भारत लौटा है। फिलहाल मरीज को एक अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में कड़ी निगरानी में रखा गया है। रविवार को ही एक अन्य संदिग्ध रोगी का पता चला था हालांकि उसकी रिपोर्ट बाद में निगेटिव आई थी। एमपॉक्स के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की सलाह दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार, 9 सितम्बर को संदिग्ध व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि करते हुए कहा कि व्यक्ति द्वारा हाल ही में ऐसे देश की यात्रा की थी जहां इस रोग का भयंकर प्रकोप जारी है। इस आधार पर देश में एमपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि यात्रा से संबंधित संक्रमण के रूप में हुई है।
रोगी का आइसोलेशन में प्रोटोकॉल के अनुसार प्रबंधन और इलाज किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, अन्य लोगों के लिए किसी व्यापक जोखिम का कोई संकेत नहीं है, इसलिए डरें या घबराएं नहीं। बस सभी लोगों को संक्रमण की रोकथाम को लेकर सावधान रहने की जरूरत है।
जानें मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण
इस वायरस से संक्रमित मरीज के लक्षण की बात करें तो इसमें तेज बुखार के साथ-साथ मांसपेशियों और पीठ में तेज दर्द महसूस हो सकता है। इसके अलावा तेज सिरदर्द और शरीर पर चकत्ते भी पड़ सकते हैं इसलिए अगर ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो फिर तुरंत डॉक्टर को दिखाना न भूले। वायरस से पीड़ित मरीज में बुखार 5-21 दिनों तक रह सकता है। सरकार विदेश से आने वाले यात्रियों पर नजर रख रही है। कुछ एयरपोर्ट पर भी इसके लिए यात्रियों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है।