कोहरे और बारिश के बीच मानसून सत्र भराड़ीसैंण में शुरू

पहले दिन सिटिंग विधायक रहीं शैला तथा पूर्व विधायक कैलाश के लिए शोक
मुख्यमंत्री ने कहा- मैं कैलाश दा का आजीवन ऋणी रहूंगा

भैरव दत्त असनोड़ा/विशेष संवाददाता (गैरसैंण)

उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में बारिश और कोहरे से हुई ठंड के बीच बुधवार 21 अगस्त से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हुआ।
तीन दिवसीय मानसून सत्र के दौरान धामी सरकार 5000 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश करेगी। अनुपूरक बजट के साथ ही विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली समेत आधा दर्जन विधेयक सदन में पेश करने की सरकार की योजना है।
इस बार मानसून सत्र के लिए विधायकों ने 490 प्रश्न लगाए हैं। करीब 16 महीने बाद भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में विधानसभा का सत्र आयोजित हुआ है। सुबह 11 बजे विधान सभा की शुरुआत के साथ ही केदारनाथ विधायक स्व.शैलारानी रावत तथा चंपावत के पूर्व विधायक स्व.कैलाश चंद्र गहतोड़ी के निधन पर श्रद्धांजलि दी गई। शोक प्रस्ताव के साथ विधायकों ने दोनों विधायकों के व्यक्तित्व पर चर्चा की। इसके बाद उनके शोक में सांय पांच बजे तक विधान सभा की कार्रवाही को स्थगित कर दिया गया।

ये तीन विधेयक हुए पेश
सांय पांच बजे विधान सभा की कार्रवाही फिर से शुरू की गई। यह पहला अवसर था जब शोक प्रस्ताव के दिन कोई विधायी कार्य किया गया हो, लेकिन विपक्ष के दबाव के चलते राज्य सरकार ने पहले ही दिन मात्र 15 मिनट की कार्रवाही में तीन विधेयक पेश किए। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने ये तीन विधेयक सदन के पटल पर रखे-
1.उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश- 2024

  1. उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) संशोधन अध्यादेश- 2024
  2. उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916) संशोधन अध्यादेश- 2024

युवा विधायक विनोद कंडारी ने जताया मुख्यमंत्री का आभार
देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के तेगड़ (लोस्तु बडियारगढ़) में राजकीय महाविद्यालय को स्वीकृति मिलने पर विधायक विनोद कंडारी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया। विधानसभा गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में विधायक ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके कक्ष में भेंट कर उनका आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ अंचलों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है।

विधान सभा सत्र के लिए तीन दिन नाकाफी
विपक्ष धामी सरकार को प्रदेश की कानून व्यवस्था और आपदा प्रबंधन में ढिलाई को लेकर घेरने की रणनीति बनाकर भराड़ीसैंण पहुंचा है। हालांकि तीन दिन के मानसून सत्र का पहला दिन शोक प्रस्ताव के लिए रखा गया है। इसलिए इस दिन विधायी कार्य अधिक नहीं हो सकते थे, जबकि आगामी दो दिनों में भी निश्चित प्रश्नों पर चर्चा होना बहुत मुश्किल है।

विपक्ष ने जताई निराशा
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विधानसभा के मानसून सत्र की अवधि बहुत कम रखी गई है। सिर्फ तीन दिन के सत्र में पहला दिन शोक संदेश में जाएगा। फिर दो दिन में कितना काम हो पाएगा? दो दिन विधेयक लाना और बजट पास करने तक काम हो पाएगा।

गैरसैंण में जुलूस निकालकर दिखाया विरोध
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण में जुलूस-प्रदर्शन कर मानसून सत्र के दौरान विरोध जताया। उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष के सवालों से भागना चाहती है। इसलिए उन्होंने सिर्फ तीन दिन का सत्र रखा, जिसमें से पहला दिन शोक प्रस्ताव के लिए है।

ब्रह्मकुमारी बहनों ने मुख्यमंत्री धामी को बांधा रक्षा सूत्र
गैरसैंण की ब्रह्मकुमारी बहनों ने विधानसभा गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कलाई में रक्षा सूत्र बांधा और उनकी दीर्घायु की कामना की।

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