GRAP-2: डीजल की 10 और पेट्रोल की 15 साल पुरानी गाड़ियों पर रोक

बढ़ते प्रदूषण के बीच दिल्ली-NCR में लागू हुआ ग्रैप-2

दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए ग्रैप 2 लागू किया गया है। यानी अब 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहन नहीं चल सकेंगे। नया नियम 22 अक्टूबर की सुबह 8 बजे से प्रभावी गया है। इसके तहत पार्किंग शुल्क बढ़ा दिया जाएगा। सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया जाएगा साथ ही ग्रैप 1 में जो भी काम हो रहे थे वह होते रहेंगे और पाबंदियां भी जारी रहेगी।

विस्तार

दिल्ली से लेकर नोएडा और गाजियाबाद में भी प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में पहुंच गया है। मंगलवार को एक्यूआई 318 दर्ज किया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सीपीसीबी के देश भर में प्रदूषण जांच के लिए 238 स्टेशन हैं। इसके मुताबिक हनुमानगढ़ में 291, भिवानी में 289, रोहतक में 283, जिंद में 277 समेत 18 सब केंद्रों में एक्यूआई खराब श्रेणी में रहा।

वहीं, एनसीआर में दिल्ली के बाद गाजियाबाद की हवा सबसे खराब रही। यहां 257 एक्यूआई दर्ज किया गया। साथ ही, नोएडा में 252, गुरुग्राम में 210, ग्रेटर नोएडा में 183 और फरीदाबाद में 165 एक्यूआई रहा।

इसके साथ ही ग्रैप का दूसरा चरण लागू हो गया है। विशेषज्ञों ने कहा कि प्रदूषकों के प्रभावी फैलाव के लिए मौसम संबंधी स्थितियां प्रतिकूल हैं। रात के दौरान शांत हवाएं चल रही है। ऐसे में पराली जलाने जैसे स्रोतों से अतिरिक्त उत्सर्जन से हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो रही है।

बेहद खराब हुई दिल्ली की हवा

सीपीसीबी के आंकड़े के अनुसार, सोमवार को शाम चार बजे 24 घंटे का औसत एक्यूआई 310 दर्ज किया गया। इस बीच, शहर के 36 निगरानी स्टेशन में से 26 रेड जोन में हैं, जहां एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है। इन स्टेशन में आनंद विहार, बवाना, द्वारका, जहांगीरपुरी, मुंडका, नरेला, पटपड़गंज, रोहिणी, शादीपुर, सोनिया विहार, वजीरपुर, अलीपुर, अशोक विहार, आया नगर, बुराड़ी, मंदिर मार्ग, मुंडका और अन्य शामिल हैं।

2.881 फीसदी रही पराली

आईआईटीएम के मुताबिक, सोमवार को उत्तर भारत में पराली जलाने की 500 से अधिक घटनाएं दर्ज की गईं। ऐसे में दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 2.881 फीसदी रही।

वहीं, मंगलवार को हवा में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 6.86 फीसदी रह सकती है। डिसिजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के आंकड़ों के अनुसार वायु प्रदूषण में खुले में कूड़ा जलने से होने वाले धुआं 0.989 फीसदी रहा। जबकि यातायात से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 9.953 फीसदी ही।

GRAP- 2 हुआ लागू

बढ़ते प्रदूषण को लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने सोमवार को बैठक की। ऐसे में मंगलवार सुबह आठ बजे से ग्रैप का दूसरा चरण लागू गया है। इसमें वाहन पार्किंग शुल्क बढ़ाने की सिफारिश की है। वहीं, सीएनजी/इलेक्ट्रिक बस और मेट्रो सेवाओं को बढ़ाना। साथ ही, सर्दियों के दौरान खुले में बायोमास जलाने से बचने के लिए रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन सुरक्षा कर्मचारियों को आवश्यक रूप से इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध कराएंगे।

उधर, ड्यूल फ्यूल या सर्टिफाइड एजेंसी से रेट्रोफिटिंग करवाने वाले 62 किलोवॉट से 800 किलोवॉट तक के जनरेटरों पर रोक नहीं रहेगी। अब तक यह छूट 125 किलोवॉट से 800 किलोवॉट के जनरेटरों के लिए थी। यानी नियमों का पालन करने वाले अधिक जेनरेटर इस बार ऑपरेट हो सकेंगे।

19 किलोवॉट से 62 किलोवॉट की क्षमता वाले ड्यूल फ्यूल के डीजल सेट पर रोक नहीं रहेगी। इस रेंज के जो जेनरेटर डुअल फ्यूल और पीएनजी इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं होगा, वहां पर इमरजेंसी सर्विसेज के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है। पहले इस रेंज के सभी जनरेटरों को आपातकालीन सेवाओं के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था।

‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान शुरू

दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए आज से दिल्ली में ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान शुरू किया गया है। उसकी शुरुआत दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कार्यकर्ताओं के साथ आईटीओ की रेड लाइट से किया।

इस अभियान के तहत उन्होंने गाड़ी चालकों से रेड लाइट होने पर गाड़ी का इंजन बंद कर प्रदूषण कम करने में अपना योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा है कि “दिल्ली वालों को दिल्ली के बाहर से आने वाले प्रदूषण की मार झेलनी पड़ती है। “आप” शासित पंजाब में पराली जलने की घटनाएं लगातार कम हो रही हैं, लेकिन बीजेपी शासित हरियाणा और यूपी में पराली जलने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं।

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