30 जुलाई को बागेश्वर जिला अस्पताल में इलाज में देरी के कारण डेढ़ साल के एक बच्चे की मौत के मामले में गंभीर लापरवाही उजागर हुई है।
राज्य सरकार ने दोषी पाए गए तीन चिकित्सकों सहित आठ अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की है।
यह कार्रवाई जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट और आरोपितों को जारी कारण बताओ नोटिसों के उत्तरों पर विचार करने के बाद स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने की।
गौरतलब है कि, जुलाई के अंत में इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
इसमें बच्चे के पिता ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे को एक के बाद एक कई अस्पतालों में रेफर किया गया और समय पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई। इलाज में देरी के कारण बच्चे की मौत हो गई।
प्रभारी CMS अटैच
जिला चिकित्सालय के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. तपन शर्मा को असंवेदनशीलता, एंबुलेंस व्यवस्था सुनिश्चित न करने और प्रशासनिक अक्षमता का दोषी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर स्वास्थ्य निदेशक कुमाऊं मंडल से संबद्ध कर दिया गया है।
वाहन चालक ईश्वर सिंह टोलिया और लक्ष्मण कुमार को भी कर्तव्यों के प्रति उदासीनता और असंवेदनशीलता का दोषी पाया गया।
दोनों को एक माह तक कार्य से विरक्त रखने और अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के आदेश दिए गए हैं।
नर्सिंग अधिकारी महेश कुमार, नर्सिंग अधिकारी हिमानी और कक्ष सेवक सूरज सिंह कन्नाल को लापरवाही और असंवेदनशीलता बरतने का दोषी मानते हुए कठोर चेतावनी जारी की गई है। इन्हें भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न करने के निर्देश दिए गए हैं।
चिकित्साधिकारी डॉ. भूरेन्द्र घटियाल को संवेदनशीलता की कमी दिखाने पर चेतावनी दी गई है। वहीं, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकित कुमार को संघर्षरत बालक के प्रति सहानुभूति न दिखाने और उदासीनता के चलते प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है और उनके खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने का आदेश हुआ है।
स्वास्थ्य सचिव का बयान
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विभाग का संदेश स्पष्ट है कि हर अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी पूरी संवेदनशीलता के साथ निभाएं, अन्यथा कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

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