नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी छलांग, अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर भारत
भारत ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक देश बनने का गौरव प्राप्त किया है। यह उपलब्धि भारत की नवीकरणीय ऊर्जा नीतियों और अक्षय स्रोतों के विकास को लेकर सरकार द्वारा किए गए सतत प्रयासों का परिणाम है।
वैश्विक ऊर्जा थिंक टैंक ‘एम्बर की छठी ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यू रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में वैश्विक स्तर पर कुल बिजली उत्पादन में पवन और सौर ऊर्जा का योगदान 15 प्रतिशत रहा, जिसमें भारत की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत थी।
वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, चीन और अमेरिका के बाद अब भारत तीसरे स्थान पर पहुंच चुका है। भारत में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता 80 गीगावॉट से अधिक हो चुकी है, और सरकार का लक्ष्य 2030 तक 280 गीगावॉट तक पहुंचने का है।
राज्यों की भूमिका अहम
राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने इस उपलब्धि में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राजस्थान देश का सबसे बड़ा सोलर ऊर्जा उत्पादक राज्य बन गया है, जहां की भौगोलिक स्थितियां और सरकार की सोलर फ्रेंडली नीतियां तेजी से विकास में सहायक रही हैं।
भारत सरकार की “राष्ट्रीय सौर मिशन”, “पीएम कुसुम योजना”, और “सोलर रूफटॉप प्रोग्राम” जैसी योजनाओं ने सौर ऊर्जा को आम लोगों तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई है। औद्योगिक इकाइयों के साथ-साथ आम नागरिक भी अब सोलर पैनल लगवाने के प्रति उत्साहित हैं।
सौर ऊर्जा जैसे स्वच्छ स्रोत के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में भारी गिरावट आई है। भारत ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के अपने अंतरराष्ट्रीय वादों की ओर भी एक ठोस कदम बढ़ाया है।
भविष्य की दिशा
भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक अपनी कुल ऊर्जा क्षमता का 50% नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त किया जाए। इसमें सौर ऊर्जा की बड़ी भूमिका होगी। देशभर में बड़े पैमाने पर सोलर पार्क्स की स्थापना, और ग्रामीण इलाकों में सोलर पावर को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।