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इंदौर लगातार आठवीं बार बना देश का सबसे स्वच्छ शहर

मध्य प्रदेश का गौरव कहे जाने वाला इंदौर एक बार फिर स्वच्छता के शिखर पर पहुंच गया है। केंद्र सरकार के वार्षिक ‘स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25’ में इंदौर ने लगातार आठवीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है।

दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित भव्य पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंदौर को शीर्ष स्थान का अवॉर्ड प्रदान किया।

इंदौर को ‘सुपर स्वच्छ लीग’ में पहला स्थान

इस वर्ष सर्वेक्षण में “सुपर स्वच्छ लीग” नाम से एक विशेष श्रेणी शामिल की गई थी। 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की इस श्रेणी में इंदौर ने पहला स्थान हासिल किया। इस रैंकिंग में गुजरात का सूरत दूसरे, और नवी मुंबई तीसरे स्थान पर रहा।

पुरस्कार ग्रहण करने पहुंचे इंदौर के प्रतिनिधि के रूप में मध्य प्रदेश के नगरी प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, निगम आयुक्त शुभम वर्मा रहे। राष्ट्रपति द्वारा इंदौर का नाम सबसे पहले बुलाया गया, जिससे समारोह में इंदौर के प्रति सम्मान और उत्साह साफ झलकता था।

अन्य श्रेणियों में भी मध्य प्रदेश का जलवा

स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश के अन्य शहरों ने भी बेहतर प्रदर्शन किया:

  • पाटन को 20,000 से कम आबादी की श्रेणी में दूसरा स्थान मिला
  • बुदनी ने इस श्रेणी में पांचवां स्थान प्राप्त किया
  • उज्जैन ने 3 से 10 लाख आबादी वाली कैटेगरी में चौथा स्थान हासिल किया

इंदौर में घर-घर से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित किया जाता है, जिससे रिसाइक्लिंग और वेस्ट-टू-वैल्थ प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा मिला है। नगर निगम ने कचरे से खाद, गैस और सजावटी वस्तुएं बनाने के लिए नई तकनीक अपनाई है। 2022 में शुरू हुआ एशिया का सबसे बड़ा बायो-मिथेनाइजेशन प्लांट इसकी मिसाल है।

यहां के निवासी खुद सफाई के प्रति सजग हैं। सुबह-सुबह गली मोहल्लों में स्वच्छता गीतों के साथ सफाई अभियान शुरू होता है। सरस्वती और खान नदी को स्वच्छ बनाने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं। साफ जल का उपयोग अब फव्वारों और उद्यानों में हो रहा है।

शहर के 6 वार्ड को “जीरो वेस्ट ज़ोन” घोषित किया गया है और गंदी बैकलेन को सुंदर बनाने का अभियान भी चलाया जा रहा है।

इंदौर बना देश का स्वच्छता मॉडल

इंदौर का यह सफर केवल एक पुरस्कार जीतने का नहीं है, बल्कि भारत के हर शहर के लिए प्रेरणा का स्रोत है। सफाई को संस्कृति में बदलने वाला यह शहर अब स्मार्ट सिटी और सतत विकास की दिशा में भी अग्रसर है।

“स्वच्छ इंदौर, श्रेष्ठ इंदौर” की यह कहानी देश के शहरी विकास में एक मील का पत्थर बन गई है।

2017 से लगातार नंबर वन

इंदौर 2017 से लगातार पहले नंबर पर आ रहा है। इंदौर के जनभागीदारी मॉडल की पूरे देश में तारीफ होती है। नवाचारों की सीरीज, आपसी समन्वय और कुछ नया करने का जज्बा ही इंदौर को दूसरे शहरों से आगे रखता है।

स्वच्छ सर्वेक्षण में देहरादून को देश में 62वां स्थान

केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में लालकुआं नगर पंचायत नंबर वन रही है। देहरादून को राष्ट्रीय स्तर पर 62 वीं रैंक मिली है। जिसमें पिछले साल यानी 2023 की अपेक्षा सुधार हुआ है।

वहीं, इस साल रुद्रपुर नगर निगम को 68वीं रैंक मिली है, जो पूरे प्रदेश में दूसरी रैंक है। जबकि, हरिद्वार की 363 वीं रैंक, हल्द्वानी की रैंकिंग 291 वीं आई है।

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