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सरोकारों से साक्षात्कार

गढ़वाल विवि के भूगोल विभाग में अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के चौरास परिसर स्थित स्वामी मनमंथन प्रेक्षागृह में भूगोल विभाग की ओर से भारतीय भूगोलवेत्ता संस्थान की 46वीं वार्षिक बैठक के अवसर पर परिवर्तनशील पृथ्वी, संवेदनशील पर्यावरण और जलवायु अनुकूल समाजों की दिशा में मार्ग (आईआईजी) की ओर से तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

इस आयोजन के अवसर पर उत्तराखंड सरकार में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहे। इस दौरान उन्होंने अपनी विधायक निधी से गढ़वाल विवि को एक एम्बुलेंस भेंट की।

उन्होंने इस आयोजन के शुभारंभ पर अपने संबोधन में कहा कि, गढ़वाल विवि की ओर से विवि में एक आपदा प्रबंधन केंद्र खोलने की मांग की गई है। जिसके लिए उन्होंने कहा की जल्द आपदा केंद्र खोला जाएगा। जिसमें आपदा से संबंधित हमारे शोध छात्र अपना शोध कार्य कर पाएंगे।

साथ ही उन्होंने कहाँ कि, विवि की ओर से जीएसआई लैब की मांग की गई है जिसके लिए उन्होंने विवि से इसका प्रस्ताव मांगा। जिस पर उन्होंने जहां की जल्द वे केंद्रीय साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री जितेंद्र प्रसाद को इसका प्रस्ताव सौपेंगे।

वहीं उन्होंने कहा कि, इस कार्यशाला में पूरे देश भर से यहां लोग आए हुए है। उन्होंने कहा कि,उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखंड उन चुनिंदा राज्यों में से एक है। जहां के सर्वाधिक बच्चे उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे है।

वहीं इस कार्यशाला में बतौर विशिष्ट अतिथि पद्मश्री, पर्यावरणविद्ध अनिल जोशी मौजूद रहे।

अनिल जोशी ने कहा कि, विकास को नकारा नहीं जा सकता है। लेकिन विकास की इस होड़ में हमनें अपने घर बार बनाने के लिए दूसरों के घर छीने है। जिससे हमारा पारस्थितिकी तंत्र तहस- नहस हुआ है।

उन्होंने कहा की लगातार हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है जिसका खामियाजा हिमालयी क्षेत्रों को भुगतना पड़ रहा है। लेकिन वो दिन अब दूर नहीं है जब इसकी मार मैदानी क्षेत्रों तक पड़ेगी। इसलिए अभी भी चेतने की जरूरत है।

वहीं इस दौरान प्रो. एन.एस. पंवार बतौर कुलपति प्रतिनिधि उपस्थित रहे। उन्होंने इस कार्यशाला के सफल संचालन के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।

साथ ही उन्होंने कहां कि, आईआईजी संस्था द्वारा यह कार्यशाला सम्मेलन हिमालय में कराया जा रहा है। जोकि हिमालय को बचाने के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि, पृथ्वी को हम माँ मानते है। इसको स्वच्छ एवं सुंदर रखने के लिए सबकी सहभागिता अति आवश्यक है।

वहीं इस दौरान भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एम.एस.पंवार ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हमारे लिए इस कार्यशाला का आयोजन यहां आयोजित होना एक गौरवान्वित महसूस कराने वाला पल है।

वहीं इस कार्यशाला के सह संयोजक प्रो.एम एस नेगी ने इस कार्यशाला के पहले चरण के समापन के असवर पर सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

विशेष तौर पर विवि को एम्बुलेंस भेंट करने एवं विवि में आपदा प्रबंधन केंद्र व जीइसआई लैब खोलने की घोषणा करने पर शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का आभार व्यक्त किया।

वहीं इस दौरान आईआईजी की अध्यक्ष प्रो. डीके नायक महासचिव प्रो. रविंद्र जी जय भाई डीन, स्कूल ऑफ अर्थ साइंस प्रो. एच सी नैनवाल, डायरेक्टर चौरास कैंपस प्रो.आरएस नेगी, सेमिनार के संयोजक प्रो.एम एस पँवार,सह संयोजक प्रो. एम एस नेगी, प्रो. बीपी नैथानी ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉक्टर राकेश सैनी आईआई जी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. सच्चिदानंद सिन्हा देश के विभिन्न क्षेत्रों से इस कार्यक्रम में उपस्थित बहुत ही प्रतिष्ठित भूगोल वेता पर्यावरण विद्ध विश्वविद्यालय के समस्त डीन एवं विभागाध्यक्ष, वित्त अधिकारी डॉक्टर संजय ध्यान, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. ओ पी गुसाई, समस्त संकाय सदस्य, शोध छात्र, विवि के अधिकारी एवं कर्मचारी गण एवं छात्रसंघ के अध्यक्ष महिपाल बिष्ट व अन्य पदाधिकारी, प्रो. पी आर व्यास जो प्रकृति संस्था के अध्यक्ष एवं संस्थापक है।

साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. वीएस नेगी, जामिया मिलिया से प्रो. ताहिर, प्रो. आर बीभगत, प्रो. बीपी सती, प्रो. एम जागलान, प्रो. राजेश्वरी, प्रो. विमल कुमार, प्रो. सुधाकर, प्रो. अमित, प्रो. सचिन देवड़ा प्रो. दीपक मिश्रा, प्रो. पद्मिनी, प्रो. मुरारी लाल, प्रो. शिव बत्रा प्रो. सीमा जलान, सहित देश विदेश की प्रतिष्ठित भूगोल वेत्ता मौजूद रहे।

गढ़वाल विवि के लिए शुरू हुई एंबुलेंस
https://regionalreporter.in/passing-tet-is-necessary-for-job-and-promotion/
https://youtu.be/jGaRHT7bFcw?si=UFNdVsDckedqphV5
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