‘प्रेम ही जीवन है’ की कहावत कर रही चरितार्थ
गंगा असनोड़ा
‘प्रभा’ यानि ‘तम को हर लेने वाला प्रकाश’। श्रीनगर गढ़वाल की प्रभा खंडूरी ने अपने नाम के निहितार्थ को चरितार्थ कर दिखाया है। अपने जीवन साथी को घने संघर्षों में जो सकारात्मक ऊर्जा वो दे रही हैं, वह प्रेरणादायी है। करवाचौथ के व्यापक चलन के दौर में प्रभा के संघर्ष को याद कर हम कह सकते हैं कि उन्होंने ‘प्रेम ही जीवन है’ की उक्ति को चरितार्थ कर दिखाया है।
प्रभा खंडूरी एक समृद्ध परिवार की सुशिक्षित और सुसंस्कृत महिला हैं। स्वयं शिक्षिका हैं और दो प्यारे बच्चों की मां। बचपन से ही संगीत में रुचि रखने वाली प्रभा ने अपनी अभिरुचि को विवाहोपरांत संगीत में स्नातकोत्तर कर पूरा किया। इससे पूर्व वर्ष 1991 में वे गढ़वाल विवि आर्ट्स फैकल्टी की कल्चरल सेक्रेटरी रहीं तथा 1992 में छात्र संघ की कोषाध्यक्ष। 2010 में श्रीनगर में स्थापित हुए मां फाउंडेशन की वे अध्यक्ष हैं।

अकस्मात् ही कोरोनाकाल के बाद उनके पति की दोनों किडनियों में दिक्कत आने लगी। 2022 तक समस्या इतनी बढ़ी कि उन्हें डायलिसिस पर आना पड़ा। वर्तमान में सप्ताह में तीन दिन उन्हें डायलिसिस कराना पड़ता है।
उनके पति इंजीनियर सत्यजीत खंडूरी कहते हैं कि, ”बीते ढाई वर्षों में स्वास्थ्य जिस तरह बिगड़ा, उसमें मेरी पत्नी प्रभा के व्यक्तित्व और जीवन दर्शन ने मुझे सबसे बड़ा संबल दिया है। उसका धैर्य और सकारात्मकता अकल्पनीय है। मैं अपने संघर्षों में अपनी पत्नी के साथ से ऊर्जा पाकर ही इतना सकारात्मक सोच पाता हूं और खुश रह पाता हूं। पत्नी प्रभा, बच्चों, परिवार और शुभचिंतकों का साथ पाकर बेहद प्रसन्नचित्त हूं।“

गढ़वाल की विकास योजनाओं में मील का पत्थर हैं इंजी.खंडूरी
प्रभा के पति इंजी.सत्यजीत खंडूरी श्रीनगर (गढ़वाल) के उन अभियंताओं में शामिल हैं, जिनकी क्षमता श्रीनगर की विकास योजनाओं में मील का पत्थर साबित हुई है। श्रीनगर बांध परियोजना में जीवीके के सोशल इंजीनियर के बतौर काम करने से पहले वे यूपी स्टेट ब्रिज कॉरपोरेशन में छह माह तथा भारत सरकार के बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ‘ग्रेफ’ का 12 वर्षों तक हिस्सा रहे और मिजोरम, उत्तराखंड तथा सिक्किम के विभिन्न हिस्सों में काम किया। वर्ष 2000 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी।
उत्तराखंड के प्रसिद्ध धारी देवी मंदिर के निर्माण, श्रीनगर में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन द्वारा तैयार श्रीनगर-चौरास को जोड़ने वाले विशाल पुल के निर्माण तथा गढ़वाल केंद्रीय विवि के चौरास परिसर के विकास कार्यों में महत्वपूर्ण कार्य संपन्न कराया। मां फाउंडेशन की नींव रखकर उन्होंने श्रीनगर में अनेक सामाजिक, साहित्यिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियों को अंजाम दिया है।

जब एक दुर्घटना में कटकर लटकने लगी जीभ
वर्ष 2022 में पति इंजी.सत्यजीत खंडूरी का स्वास्थ्य अत्यधिक खराब हो जाने के बाद राज्य सरकार ने अचानक सभी अटैचमेंट वापस ले लिए। प्रभा खंडूरी को पति की अस्वस्थता के बावजूद अपने अपने मूल स्थान सल्ट ब्लॉक के जीआईसी भंगरखोला लौटना पड़ा।
वे वापस जा रही थी कि बस बिजनौर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। अर्द्धरात्रि को हुई इस दुर्घटना में उनकी जीभ बुरी तरह कट गई। वे बोल नहीं सकती थी और मुंह में खून बह रहा था।

ऐसी स्थिति में उन्होंने बेहद सूझबूझ और धैर्य से काम लिया। अपने ही रिश्तेदार नहटौर जिले के डा.उज्जवल पाल की पत्नी डा.प्राची कोठारी को व्हट्सएप मैसेज भेजा, तो उन्होंने भी मैसेज तुरंत देख लिया। अपने वाहन से उन्हें अपने निजी नर्सिंग होम लाए और तत्काल आपरेशन किया गया। इस हादसे में उनकी जीभ के साथ ही मसूड़ों और ठुड्डी में भी टांके लगे। वे कहती हैं कि यह जिंदगी का बहुत बुरा दौर था, जब मुझे अपने पति की अस्वस्थता को देख उनसे यह छुपाना पड़ा कि मेरा एक्सीडेंट हो गया है।