ओलंपिक में इतिहास रचने वाली मनु भाकर का खेल रत्न की लिस्ट से नाम गायब

2024 के पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचने वाली भारतीय शूटर मनु भाकर ने अपनी कड़ी मेहनत और शानदार प्रदर्शन से देश का नाम रोशन किया। लेकिन जब खेल रत्न अवॉर्ड की लिस्ट जारी हुई, तो एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया। क्या हुआ ऐसा कि मनु का नाम लिस्ट से गायब है?

भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैराएथलीट प्रवीण कुमार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड के लिए नामांकित किया गया है।

हरमनप्रीत ने पेरिस ओलंपिक में टीम को कांस्य पदक दिलाया, जबकि प्रवीण ने पेरिस पैरालंपिक्स में पुरुषों की हाई जंप T64 श्रेणी में एशियाई रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता।

लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इस लिस्ट में भारत की स्टार शूटर मनु भाकर का नाम नहीं है, जिन्होंने पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया था।

मनु भाकर ने अवॉर्ड के लिए किया था आवेदन

मनु भाकर ने इस साल पेरिस ओलंपिक में दो ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा था। वह एक ओलंपिक में कई पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला शूटर बनीं। लेकिन उनके नाम का खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकन न होना सभी के लिए चौंकाने वाला है।

रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को निशानेबाज के करीबी सूत्रों ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि दो बार की पदक विजेता निशानेबाज ने खेल रत्न पुरस्कार के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें नहीं चुना गया।

सूत्र ने कहा, ” मनु भाकर ने खेल रत्न के लिए आवेदन किया था, लेकिन अजीब बात यह है कि उन्हें चुना नहीं गया। यह सभी के लिए चौंकाने वाला है। इसमें एनआरएआई की कोई भूमिका नहीं है।”

खेल मंत्रालय का बयान

मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, अभी अंतिम सूची तय नहीं हुई है। खेलमंत्री मनसुख मांडविया एक या दो दिन में अनुशंसा पर फैसला लेंगे और अंतिम सूची में मनु का नाम होने की पूरी संभावना है।

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज वी रामासुब्रमम की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय पुरस्कार समिति में भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल समेत पूर्व खिलाड़ी भी हैं।

मंत्रालय के नियमों के तहत खिलाड़ियों को अपना नामांकन खुद भरने की भी अनुमति है। चयन समिति उन नामों पर भी विचार कर सकती है जिन्होंने आवेदन नहीं किया है।

मंत्रालय ने दावा किया कि मनु ने आवेदन नहीं किया है लेकिन उनके पिता रामकिशन भाकर ने कहा कि उसने आवेदन किया है। 

उन्होंने कहा कि, “भारत में ओलंपिक खेलों की कोई अहमियत नहीं है, क्योंकि दो ओलंपिक पदक जीतने के बावजूद मनु की खेलरत्न पुरस्कार के लिये उपेक्षा की गई।

देश के लिये खेलने और पदक जीतने का क्या फायदा जब सम्मान के लिये हाथ फैलाने पड़ें। वह पिछले दो तीन साल से लगातार सारे पुरस्कारों के लिये आवेदन कर रही है और मैं इसका गवाह हूं। इसमें खेलरत्न, पद्मभी और पद्मभूषण सम्मान शामिल है।”

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