केदार घाटी में एक बार फिर मौसम ने करवट बदल ली है। केदार घाटी के अधिकांश भूभाग में बादल छाने व सर्द हवाओ के चलने से सम्पूर्ण केदार घाटी शीतलहर की चपेट में आ गयी है तथा सम्पूर्ण केदार घाटी के शीतलहर की चपेट में आने तथा तापमान में भारी गिरावट महसूस होने के साथ जनजीवन खासा प्रभावित हो गया है।
मुख्य बाजारो में लोग अलाव के सहारे दिन गुजारने के लिए विवश बने हुए है। आने वाले कुछ घन्टों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रो मे जमकर बर्फबारी होने की सम्भावना बनी हुई है।
बता दे कि, केदार घाटी मे सोमवार सुबह मौसम ने अचानक करवट बदल दी, केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रों में बादल छाने व निचले हिस्सो में सर्द हवाओं के चलने से तापमान में भारी गिरावट महसूस होने लगी है तथा जनजीवन खासा प्रभावित हो गया है।
आने वाले कुछ घन्टो में मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी का आगाज होने के साथ वासुकीताल, केदारनाथ, मनणामाई तीर्थ, मदमहेश्वर, पाण्डवसेरा,नन्दीकुण्ड, विसुणीताल, तुंगनाथ, देवरियाताल, चोपता, कार्तिक स्वामी का भूभाग एक बार फिर बर्फबारी लदक हो सकता है।
पूर्व व्यापार संघ अध्यक्ष आनन्द सिंह रावत ने बताया कि केदार घाटी के शीतलहर की चपेट में आने के कारण जनजीवन खासा प्रभावित हो गया है।
मदमहेश्वर घाटी बुरूवा निवासी रामकृष्ण रावत ने बताया कि आने वाले कुछ घन्टों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो हिमालयी क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी होने की सम्भावना बनी हुई है।
राऊलैंक निवासी दलीप रावत ने बताया कि यदि मौसम के अनुकूल हिमालयी भूभाग मे बर्फबारी व निचले हिस्सों में बारिश होती है तो काश्तकारो की फसलो के साथ प्रकृति के लिए बारिश वरदान साबित सकती है ।