प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अब मई माह के अंत तक हो सकते हैं। इससे पूर्व अप्रैल माह के अंत तक चुनाव कराने की तैयारियां थी, लेकिन ऊधमसिंह नगर के दो ब्लाक में कुछ पंचायतों के नगर निगम में शामिल होने के बाद परिसीमन में बदलाव हो गया है। इसके अलावा अभी ओबीसी आरक्षण लागू किए जाने की प्रक्रिया भी अपनाई जानी बाकी है।
बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपन्न हुई, जिसमें विभिन्न जनपदों के प्रभारी अधिकारियों, पंच स्थानीय चुनावालय एवं जिला पंचायती राज अधिकारियों ने भाग लिया।
हरिद्वार को छोड़कर 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल बीते वर्ष 27 नवंबर को समाप्त हो गया था। सरकार ने दिसंबर माह में अगले छह माह या चुनाव होने तक प्रशासक नियुक्त कर दिए थे। ऐसे में सरकार के पास चुनाव कराने के लिए जून तक का समय है।
पंचायती राज सचिव चंद्रेश कुमार के मुताबिक, त्रिस्तरीय पंचायतों में चुनाव कराने को लेकर सरकार की पूरी तैयारी है। 65 दिन से अधिक अवधि में चुनाव करा लिए जाएंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग ने तेज की प्रक्रिया
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। निर्वाचन आयोग इन दिनों ग्राम पंचायतों की खुली बैठकों के माध्यम से वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और हटाने के लिए विशेष अभियान चला रहा है।
आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने बताया कि, यह अभियान विशेष रूप से उन मतदाताओं के लिए है, जिनके नाम वोटर लिस्ट में छूट गए हैं या जिनके नाम में कोई गलती है।
उन्होंने बताया कि जैसे ही मतदाता सूची पूरी तरह से तैयार कर ली जाएगी, उसे ऑनलाइन किया जाएगा ताकि किसी भी मतदाता का नाम छूटने से बच सके।
शासन स्तर से चुनाव प्रक्रिया तेज होने से उम्मीद की जा रही है कि, मई आखिरी सप्ताह तक प्रदेश में पंचायत चुनाव संपन्न हो जाएंगे। मई पहले सप्ताह के बाद राज्य में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो सकती है।