मुख्य अतिथि के रूप में HNB विवि के सेवानिर्वित प्रो. डॉ डी एस नेगी उपस्थित
अपने लक्ष्य को स्पष्ट करें, छोटी-छोटी बातों पर ध्यान केंद्रित कर अपनी ऊर्जा सही दिशा में उपयोग करेंः प्रो. डॉ डी एस नेगी
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
ओंकारानंद सरस्वती राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग, टिहरी गढ़वाल में प्रभारी प्राचार्य डॉ अर्चना धपवाल की अध्यक्षता में 23 सोमवार, 23 सितम्बर को कैरियर काउंसलिंग सेल द्वारा महाविद्यालय में ‘न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग एंड स्ट्रेस मैनेजमेंट’ विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्य अतिथि के रूप में हे. न. बहुगणना केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेवानिर्वित प्रो. डॉ डी एस नेगी एवं उनकी धर्मपत्नी पुष्पा नेगी उपस्थित रहें।
कार्यक्रम का कुशल संचालन कैरियर काउंसलिंग सेल के संयोजक डॉ. आदिल कुरैशी द्वारा किया गया। कार्यक्रम के तहत सर्वप्रथम महाविद्यालय की प्राचार्य द्वारा मुख्य अतिथियों को पुष्प गुच्छ भेंट किया गया तत्पश्चात कैरियर काउंसलिंग समिति द्वारा बैज अलंकरण कर अतिथियों का सत्कार किया गया।
इसके बाद कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ डी एस नेगी ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि कैसे हम न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग के माध्यम से आधुनिक वैश्विक विशेषीकृत एवम तकनीकि विकास के दौर में तनाव मुक्त रहते हुए अपने जीवन के उद्देश्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त कर सकते हैं।
डॉ नेगी ने कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें सर्वप्रथम अपने लक्ष्य को स्पष्ट करना चाहिए तथा छोटी-छोटी बातों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने कदम आगे बढ़ाने चाहिए, अपनी ऊर्जा को सही दिशा में उपयोग करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अपने मस्तिष्क पर नियंत्रण स्थापित करना एक साइंस है जो व्यक्ति को अपनी भावनात्मक स्थिति को नियंत्रित करने और जीवन से जो वह चाहते हैं उस पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है इसे साइंस ऑफ इमोशन कहा जाता है। हमें अपने दृष्टिकोण को सदैव बड़ा और सकारात्मक रखना चाहिए। किसी भी कार्य को करने हेतु मस्तिष्क को निर्देश हमारे शब्दों के माध्यम से पहुंचते हैं हमारे शब्दों में सकारात्मकता होनी चाहिए क्योंकि सकारात्मक शब्द मन की क्षमताओं को बढ़ा देते हैं और सकारात्मक ऊर्जा को जाग्रत करते हैं शब्दों के ठीक चयन के माध्यम से हम अपने संपूर्ण जीवन को रूपांतरित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा की सफल होने के लिए मात्र नवीन सूचना एकत्र करना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि महत्वपूर्ण सूचनाओं पर पर ध्यान देना भी आवश्यक है । डॉ नेगी ने सकारात्मक दृष्टिकोण के महत्व को बताते हुए कहा कि अपनी आंतरिक ऊर्जा को जाग्रत करने के लिए एक सकारात्मक सोच एवम स्पष्ट उद्देश्य के साथ किसी काम को लेकर आगे बढ़ने की आवश्यकता होती है ऐसा करने से कार्य को पूर्ण करने का सामर्थ्य स्वतः हमारे अंदर भर जाता है और फोबिया, डिप्रेशन, साइकोसोमैटिक बीमारियों से बचकर हम अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होते हैं।
पुष्पा नेगी ने कहा कि मन की शांति के लिए हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए। महाविद्यालय की प्राचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि यदि दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो हम अपने जीवन की सभी समस्याओं से संघर्ष करते हुए सफलता तक अवश्य पहुंचते हैं। कार्यक्रम के अंत में डॉ रंजू उनियाल द्वारा गोष्ठी के सफल आयोजन हेतु समिति के सभी सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। उक्त कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।