उत्तराखंड में 28 जनवरी से 14 फरवरी 2025 तक होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन ग्रीन गेम्स की थीम पर होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार, 09 दिसम्बर को राजीव गांधी अन्तरराष्ट्रीय स्टेडियम में राष्ट्रीय खेल की तैयारियों की समीक्षा की।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि, राष्ट्रीय खेल का आयोजन प्रदेश के लिए न केवल गौरव का विषय है, बल्कि यह प्रदेश की खेल संस्कृति और विकास को प्रोत्साहन देने का भी महत्वपूर्ण अवसर है।
राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में भी स्थापित करेंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आयोजन स्थलों पर पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखा जाए। प्लास्टिक के उपयोग को सीमित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
आयोजन स्थलों पर आने वाले दर्शकों के लिए पेयजल और शौचालय की समुचित व्यवस्था की जाए। स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने आयोजन के सफल आयोजन के लिए सभी विभागों के बीच घनिष्ठ समन्वय की भी मांग की।
उन्होंने कहा कि इस आयोजन को सफल बनाने में जिलाधिकारियों की भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होगी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि सीएम धामी ने जनभागीदारी की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला और कहा कि राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए उत्तराखंड के लोगों का सहयोग महत्वपूर्ण होगा।
10,000 खिलाड़ी करेंगे प्रतिभाग
राष्ट्रीय खेलों में करीब दस हजार खिलाड़ी प्रतिभाग करेंगे। आयोजन को भव्य और दिव्य बनाने के लिए सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित करें कि खिलाड़ियों के लिए सभी सुविधाएं उच्च गुणवत्ता वालीं और सुगम हों। प्रत्येक विभाग से एक नोडल अधिकारी तैनाती किया जाए।
खिलाड़ियों की सभी सुविधाओं का प्रबंधन और निगरानी की समुचित व्यवस्था हो। सीएम ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि सभी व्यवस्थाओं की प्रत्येक दिन समीक्षा करें। खेल मंत्री और स्वयं मुख्यमंत्री समय-समय पर राष्ट्रीय खेल के तैयारियों की समीक्षा करेंगें और विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे।
प्लास्टिक रि-यूज से बनेंगे कपड़े
राष्ट्रीय खेलों में जो खिलाड़ियों, ऑफीशियल, मैनेजर आदि के लिए कपड़े तय होंगे। वे सभी प्लास्टिक रि-यूज से तैयार कपड़े होंगे। पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए इस तरह का प्रयोग किया जा रहा है।
पहली बार राष्ट्रीय खेलों में मिलेंगे ऐसे पदक
राष्ट्रीय खेलों में मिलने वाले पदक धातुओं के बने होते हैं। उत्तराखंड में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में यह पहली बार होगा कि, राष्ट्रीय खेलों में ई-वेस्ट के बने पदक दिए जाएंगे। इससे पहले इसका प्रयोग टोक्यो में हुए ओलपिंक खेलों में किया गया था।
आवाजाही हेतु का ई-बसाें होगा प्रयोग
राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों का एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन तक से स्टेडियम तक आवागमन के लिए ई-बसों का प्रयोग किया जाएगा। ऐसे में पहाड़ में वाहनों का दबाव बढ़ने के बावजूद भी पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा।