तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली दो रात्रि प्रवास के लिए पहुंची भनकुण्ड

विकास के नाम पर अतिक्रमण से मार्ग बाधित
मक्कूबैण्ड से पांच घन्टे विलम्ब से रवाना हुई देव डोली
प्रशासन ने वन विभाग को दिए अतिक्रमण हटाने के निर्देश

तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली दो रात्रि प्रवास के लिए भनकुण्ड पहुंची। गुरुवार को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भनकुण्ड से रवाना होगी तथा अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी तथा 8 नवम्बर से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा विधि-विधान से शुरू होगी।

मंगलवार को तुंगनाथ यात्रा के अहम पडाव चोपता में ब्रह्म बेला पर विद्वान आचार्यों ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजाये सम्पन्न कर भगवान तुंगनाथ सहित सभी देवी-देवताओं का आवाहन किया तथा ठीक नौ बजे प्रातः भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भनकुण्ड के लिए रवाना हुई।

भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के बनियाकुण्ड, दुगलविट्टा, मक्कू बैण्ड, हूण्हू व बनालोली पहुंचने पर ग्रामीणों व भक्तों द्वारा लाल-पीले वस्त्र अर्पित कर मनौती मांगी तथा अनेक प्रकार की पूजा सामाग्रियों से अर्ध्य लगाकर क्षेत्र के खुशहाली की कामना की।

जानकारी देते हुए डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित ने बताया कि भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के बनातोली आगमन पर ग्रामीणों द्वारा परम्परानुसार सामूहिक अर्घ्य लगाकर क्षेत्र के खुशहाली की कामना की।

प्रबन्धक बलवीर नेगी ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली का पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया जा रहा है। राज्य मंत्री चण्डी प्रसाद भटट्, रमेश नौटियाल ,सन्दीप बेजवाल सहित तुंगनाथ धाटी के विभिन्न गावों के ग्रामीणों ने भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली को लाल पीले वस्त्र अर्पित कर मनौती मांगी।

मक्कूबैण्ड के निकट पांच घन्टे तक भक्तों के कंधों पर खडी़ रही देव डोली

मक्कूबैण्ड से पांच घन्टे विलम्ब से रवाना हुई देव डोली

तुंगनाथ घाटी के अन्तर्गत पवधार-मक्कूबैण्ड पैदल मार्ग पर वन विभाग द्वारा हटर्स बनाने तथा पैदल मार्ग पर वन विभाग द्वारा आवागमन बाधित करने के कारण भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली मक्कूबैण्ड के निकट पांच घन्टे तक भक्तों के कंधों पर खडी़ रही।

प्रशासन द्वारा पैदल मार्ग से वन विभाग के अतिक्रमण हटाने के बाद पांच घन्टे विलम्ब से अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई तथा भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली हूण्डू गाँव लगभग पांच घन्टे विलम्ब से पहुंची।

बता दे कि युगों से चली परम्परा के अनुसार भगवान तुंगनाथ के कपाट बन्द होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता-दुगलबिट्टा होते हुए मक्कूबैण्ड पहुंचती है मगर कुछ दिनों पूर्व वन विभाग द्वारा पवधार-मक्कूबैण्ड पैदल मार्ग पर लगभग 11 करोड़ की लागत से टैन्ट व हटो का निर्माण करने से पैदल मार्ग पर आवाजाही बाधित होने से भगवान तुंगनाथ की डोली नाराज रही तथा पांच घन्टे तक एक ही स्थान पर भक्तों के कन्धों पर खडी रही।

वन विभाग द्वारा किए गए अतिक्रमण को दिए शीघ्र हटाने के निर्देश

लगभग चार बजे सांय तहसील व पुलिस प्रशासन द्वारा पैदल मार्ग से अतिक्रमण हटाने के बाद डोली अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई।

प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी ने बताया कि, भगवान तुंगनाथ की डोली हमेशा पैदल मार्गों से आवागमन करती है तथा देव मार्गो पर विकास के नाम पर अतिक्रमण करना या आवागमन बाधित करना धार्मिक आस्था के विरुद्ध है।

उपजिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला ने बताया कि भगवान तुंगनाथ के पैदल मार्ग पर वन विभाग द्वारा जो भी अतिक्रमण कर रखा है शीघ्र हटाने के निर्देश दिये जायेगें।

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