आईपीएल के पूर्व संस्थापक ललित मोदी को भारत सरकार ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। वह साल 2010 में लंदन भाग गए थे और तब से वहीं रह रहे हैं।
आईपीएल नीलामी में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग समेत कई मामलों में आरोपी पूर्व क्रिकेट प्रशासक के प्रत्यर्पण की मांग भारत सरकार लगातार कर रही है।
भारत आने से बचने के लिए उन्होंने वानुआतु की नागरिकता ली थी, लेकिन वानुअतु के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने देश के नागरिकता आयोग को ललित मोदी को जारी किया गया वानुअतु पासपोर्ट रद्द करने का निर्देश दिया है।
यह कदम अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में आई उन रिपोर्टों के बाद उठाया गया है जिनमें दावा किया गया है कि ललित मोदी भारत प्रत्यर्पण से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
ललित मोदी पर क्या हैं आरोप
देश में आईपीएल की शुरुआत का श्रेय ललित मोदी को ही जाता है। साल 2008 में आईपीएल के शुरू होने के बाद ललित मोदी का नाम सुर्खियां बटोरने लगा। हर मैच में खिलाड़ियों से ज्यादा ललित मोदी छाय रहते थे। वह 2008 से 2010 तक आईपीएल के कमिश्नर रहे।
साल 2010 में ललित मोदी पर आईपीएल की नीलामी में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा। उन्होंने दो नई टीमों की नीलामी के दौरान गलत तरीके अपनाए।
ललित मोदी पर आईपीएल क्रिकेट टूर्नामेंट में कथित मैच फिक्सिंग और अवैध सट्टेबाजी के आरोप भी लगे। ललित मोदी ने विदेशी कंपनी वर्ल्ड स्पोर्ट्स को आईपीएल का 425 करोड़ का ठेका दिया था। इसमें भी ललित मोदी ने 125 करोड़ रुपये कमीशन खाया।
ललित मोदी पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे। इस मामले में ललित मोदी के खिलाफ जांच चल रही है। इसके बाद ललित मोदी मई 2010 में भारत छोड़कर लंदन चले गए थे। साल 2013 में बीसीसीआई ने उन पर आजीवन पाबंदी लगा दी थी।