26 जनवरी 2025 से पूरे प्रदेश में यूसीसी लागू
प्रदेश कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) नियमावली, उत्तराखंड 2025 को मंजूरी दे दी है। सोमवार, 20 जनवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया है।
बता दें कि सरकार कह चुकी है कि 26 जनवरी से यूसीसी लागू कर दिया जाएगा। प्रदेश सरकार का कहना है कि यूसीसी का उद्देश्य सभी नागरिकों को समानता एवं न्याय सुनिश्चित करना और कानूनी प्रक्रियाओं को सरल एवं पारदर्शी बनाना है।
इसके तहत विवाह, विवाह विच्छेद, इच्छापत्रीय एवं गैर-इच्छापत्रीय उत्तराधिकार, सहवासी संबंध (लिव- इन) इत्यादि से जुड़े विस्तृत प्रावधान शामिल किए गए हैं।
यूसीसी के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन 27 मई 2022 को हुआ था, जिसने अपनी रिपोर्ट 2 फरवरी 2024 को प्रस्तुत की। इसके उपरांत यह विधेयक विधानसभा से 8 मार्च 2024 को पारित किया गया। 12 मार्च 2024 को इस अधिनियम पर राष्ट्रपति की मंजूरी मिली।
शादियों को एक माह के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य
लिव-इन में रहने और अलग होने का रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रार स्तर के अधिकारी के यहां करना होगा। इसके सत्यापन के लिए 15 दिन का समय होगा।
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद होने वाली शादियों का एक माह के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। इसके बाद जुर्माना देना होगा। यूसीसी की नियमावली में शादियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है।
इनमें स्पेशल मैरिज एक्ट 2010 लागू होने से पहले और बाद की शादियों के रजिस्ट्रेशन के लिए छह महीने की मोहलत मिलेगी। इसके अलावा लिव-इन रजिस्ट्रेशन के लिए नियम बाकी सभी से अलग हैं।
लिव-इन में रहने और अलग होने का रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रार स्तर के अधिकारी के यहां करना होगा। इसके सत्यापन के लिए 15 दिन का समय होगा। इसके बाद यदि कोई कमी रहती है तो इसकी 30 दिन के भीतर इसकी अपील की जा सकती है।
रजिस्ट्रेशन के लिए हर स्तर पर अधिकारी तैनात
रजिस्ट्रेशन के लिए कई स्तर पर अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इसमें ग्रामीण स्तरों पर यह शक्ति ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों, शहरी क्षेत्र में सब-रजिस्ट्रार रजिस्ट्रेशन, जिला स्तर पर रजिस्ट्रार इन सभी सेवाओं के रजिस्ट्रेशन के लिए अधिकृत होंगे।
कैंट बोर्ड में समकक्ष अधिकारियों को यह जिम्मेदारी मिलेगी। सबसे अंत में राज्य स्तर पर रजिस्ट्रार जनरल स्तर के अधिकारी होंगे। ये अधिकार सचिव रैंक से नीचे नहीं होंगे। लिव-इन रजिस्ट्रेशन के अलावा सभी सेवाओं के लिए सब रजिस्ट्रार स्तर के अधिकारी ही रजिस्ट्रेशन के लिए अधिकृत होंगे।
यूसीसी नियमावली की प्रमुख बातें
- नागरिकों को विवाह, विवाह-विच्छेद, उत्तराधिकार के अधिकार, लिव-इन रिलेशनशिप, लिव-इन रिलेशनशिप की समाप्ति के रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल तैयार किया गया।
- ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कामन सर्विस सेन्टर (सीएससी) को अधिकृत किया गया है।
- पर्वतीय व दूर-दराज क्षेत्रों में कामन सर्विस सेन्टर (सीएससी) के एजेंट घर-घर जाकर नागरिकों को सुविधाएं उपलब्ध करायेंगे।
- ग्रामीण क्षेत्रों में रजिस्ट्रेशन से संबंधित कार्यो के लिए ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को सब- रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किया गया।
- यूसीसी में रजिस्ट्रेशन की सुविधा को सरल एवं सुचारु बनाने के लिए आधार से रजिस्ट्रेशन का भी विकल्प दिया गया है।
- रजिस्ट्रेशन से संबंधित अपने आवेदन को ई-मेल एवं एसएमएस के माध्यम से ट्रेक कर सकते हैं।
- नियमावली के अन्तर्गत आनलाइन पोर्टल के माध्यम से नागरिकों की शिकायतों के पंजीकरण की भी व्यवस्था की गयी।