18 मई को खुलेंगे चतुर्थ केदार रूद्रनाथ के कपाट

उत्तराखंड के पवित्र पंचकेदारों में से एक रूद्रनाथ मंदिर के कपाट 18 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। भगवान शिव के स्वरूप रूद्रनाथ के दर्शन करने के लिए हर वर्ष हजारों श्रद्धालु कठिन पहाड़ी मार्गों से होकर इस पावन धाम में पहुंचते हैं। इस बार प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए हैं, जिनमें मुख्य रूप से पैदल मार्ग पर टेंट लगाने की व्यवस्था शामिल है।

कठिन लेकिन आध्यात्मिक यात्रा

रूद्रनाथ मंदिर समुद्र तल से लगभग 3,600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को लंबा और कठिन पैदल मार्ग तय करना पड़ता है। मुख्य मार्ग गोपेश्वर से शुरू होता है, जो सगर गांव होते हुए पंचगंगा, पित्रधार, और लाठी से होते हुए रूद्रनाथ पहुंचता है।

यह यात्रा लगभग 18 किलोमीटर की है, जो घने जंगलों, ऊंची पहाड़ियों और प्राकृतिक सुंदरता के बीच से होकर गुजरती है।

यात्रियों की सुविधा के लिए लगेंगे टेंट

गोपेश्वर के उप जिलाधिकारी हिमांशु यादव ने जानकारी दी कि इस बार रूद्रनाथ यात्रा मार्ग पर तीन प्रमुख स्थानों में कुल 18 टेंट लगाए जाएंगे। इन टेंटों का उद्देश्य यात्रियों को विश्राम और रात्रि ठहराव की सुविधा देना है। विशेष रूप से वृद्ध श्रद्धालुओं और पहली बार यात्रा पर आने वालों के लिए यह व्यवस्था काफी लाभकारी साबित होगी।

वहीं यात्रा मार्ग पर ल्वींटी और रुद्रनाथ मंदिर के समीप बायो टॉयलेट स्थापित किए जा रहे हैं। यात्रा मार्ग पर सफाई व्यवस्था के लिए ईडीसी की ओर से सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति करने का भी प्रावधान किया गया है.।

स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विशेष ध्यान

इस वर्ष यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए प्रशासन द्वारा विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। चिकित्सा दलों की तैनाती, प्राथमिक उपचार केंद्र और आपातकालीन सेवा नंबरों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, यात्रियों से अपील की गई है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले स्वास्थ्य जांच अवश्य कराएं और मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा करें।

स्थानीय प्रशासन की तैयारियां पूरी

चमोली जिला प्रशासन, वन विभाग और मंदिर समिति ने संयुक्त रूप से यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। पैदल मार्ग की मरम्मत, संकेतक बोर्डों की स्थापना और साफ-सफाई का कार्य पूरा हो चुका है। यात्रियों के लिए पीने के पानी, शौचालय और कचरा प्रबंधन की भी व्यवस्था की गई है।

धार्मिक भावनाओं से ओतप्रोत यात्रा

रूद्रनाथ यात्रा केवल एक शारीरिक चुनौती नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव भी है। यह मंदिर भगवान शिव के ‘मुख रूप’ के दर्शन के लिए प्रसिद्ध है। श्रद्धालु यहां आकर न केवल प्रकृति की सुंदरता से जुड़ते हैं, बल्कि आत्मिक शांति और ऊर्जा भी प्राप्त करते हैं।

केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने जारी की एडवाइजरी

रुद्रनाथ यात्रा को लेकर केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गई है। इसके तहत यात्रा से पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण करवाने, यात्रा के दौरान प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करने, तय यात्रा मार्ग से ही यात्रा करने, स्थानीय गाइड को अनिवार्य रूप से साथ ले जाने, यात्रा के दौरान सुरक्षा की प्रभावी व्यवस्था करने की अपील गई है।

तीर्थयात्री आपात स्थिति में इन नंबर 9412030556, 8449884279,9927159265, 9634569601 पर संपर्क कर सकते हैं।

https://regionalreporter.in/justice-b-r-gavai-became-the-52nd-chief-justice-of-india/
https://youtu.be/sLJqKTQoUYs?si=M87P5_seZ3vx4_zH
Website |  + posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: