बिना फायर ब्रिगेड वन विभाग की टीम क्यों हुई रवाना
आग पर काबू पाने के लिए संसाधन जरूरी
एमआई.17 हेलीकॉप्टर बुझाएगा अब आग
भारती पांडे
अल्मोड़ा स्थित विनसर वन्य जीव अभ्यारण्य में वृहस्पतिवार को लगी विकराल आग ने असमय चार जिंदगियां लील ली। आग बुझाने गए आठ कर्मियों में छह वनकर्मी तथा दो पीआरडी जवान शामिल थे।
तीन वन कर्मियों तथा एक पीआरडी जवान की आग बुझाते हुए बुरी तरह झुलसने से मौत हो गई, जबकि बुरी तरह झुलसे अन्य तीन वन कर्मी तथा एक पीआरडी जवान सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं।
विदित हो कि वृहस्पतिवार दोपहर करीब 3.30 बजे वन विभाग को अज्ञात लोगों द्वारा बिन्सर वन्यजीव विहार, अल्मोड़ा के सिविल सोयम वनप्रभाग में आग लगने की सूचना मिली। सूचना पाते ही वन विभाग की ओर से दो पीआरडी जवानों समेत आठ कर्मियों को आग बुझाने के लिए जंगल की ओर भेजा गया।
अभ्यारण्य में भयावह आग पर काबू पाने के लिए संसाधनविहीन (फायर ब्रिगेड तक नहीं) कर्मियों को भेज दिया गया, जिससे हवा के प्रभाव में बेकाबू हुई आग पर वनकर्मी काबू नहीं पा सके। यहां तक कि जिस बुलेरो वाहन से वे जंगल की ओर गए थे, वह भी बुरी तरह जल गया।
जंगली की विकराल आग की चपेट में आए चार कर्मी किसी तरह मौके से भागकर आने में सफल तो हुए, लेकिन वे भी 60 से 80 प्रतिशत तक जल चुके हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के आदेश पर एयरलिफ्ट कर उपचार के लिए एसटीएच भेज दिया गया है।
आग बुझाने पहुंची टीम में वन विभाग के एक बीट अधिकारी, दो फायर वाॅचर, दो श्रमिक तथा दो पीआरडी जवान शामिल थे। जिसमें से चार लोगों की मौत आग बुझाने के दौरान बुरी तरह आग की लपटों से घिरने के कारण हो गई।
इन कर्मियों की हुई मौत
- त्रिलोक सिंह मेहता पुत्र नारायण सिंह (40 वर्ष, वन बीट अधिकारी निवासी उड़लगांव बाड़ेछीना)
- करन आर्या पुत्र बिशनराम (21 वर्ष, फायर वाॅचर, कफड़खान)
- दीवान राम पुत्र पदी राम (35 वर्ष, सौड़ा कफड़खान)
- पूरन सिंह पुत्र दीवान सिंह (50 वर्ष, ग्राम कलौन)
ये हैं गंभीर घायल
- कृष्ण कुमार पुत्र नारायण राम, (21 वर्ष, फायर वाॅचर, ग्राम भेटुली, 80 प्रतिशत तक जले)
- कुंदन सिंह नेगी पुत्र प्रताप नेगी (44 वर्ष, खांखरी, पीआरडी जवान)
- भगवत सिंह भोज पुत्र बची सिंह (38 वर्ष, ग्रम भेटुली, चालक)
- कैलाश भट्ट पुत्र बद्रीदत्त भट्ट (54 वर्ष, धनेली, अल्मोड़ा, दैनिक श्रमिक)
मुख्यमंत्री ने की 10 लाख अनुग्रह राशि की घोषणा
बिन्सर वन्यजीव विहार में वनाग्नि से 4 वनकर्मियों की मृत्यु पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुःख प्रकट किया है। उन्होंने इस घटना में झुलसे चार अन्य वनकर्मियों को तत्काल हल्द्वानी बेस अस्पताल में एयरलिफ्ट किये जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना बेहद हृदयविदारक है और दुःख की इस घड़ी में पूरी उत्तराखंड सरकार वनकर्मियों के परिजनों के साथ खड़ी है। उन्होंने इस हादसे में झुलसकर घायल होने वाले चार वन्य कर्मियों को तत्काल हल्द्वानी बेस अस्पताल में एयरलिफ्ट करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
गंभीर घायलों को आवश्यकतानुसार उपचार हेतु हल्द्वानी से एम्स-ऋषिकेश एयरलिफ्ट करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री धामी ने दिए हैं। जिस पर शासन-प्रशासन कार्रवाही पर जुटा है। इसके साथ-साथ मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए की अनुग्रह धनराशि दिए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री धामी के द्वारा दिए गए।
एमआई-17 बुझाएगा आग
अल्मोड़ा स्थित विनसर वन्य जीव विहार में लगी आग पर काबू पाने के लिए अंत में एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद लेनी पड़ी है। भीमताल झील से पानी लिफ्ट कर एमआई-17 विनसार वन्य जीव अभ्यारण्य पहुंच गया तथा एमआई-17 की मदद से आग बुझायी जाएगी।
जंगल की आग से संकट में वन्यजीव प्रजातियां
आग बुझाने के लिए गए वन्यकर्मियों की मौत तथा घायल अवस्था में मौजूद वनकर्मियों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि जंगलों की आग में किस तरह बेकसूर वन्यजीवों की कितनी प्रजातियों पर कहर बरपा रही है।
अकेले बिन्सर वन्य जीव विहार की बात की जाए, तो यहां पर तेंदुआ, बार्किंग डीयर, लोमड़ी, लंगूरी, कस्तूरी मृग, शाही, घुरड़, काखड़, उड़न गिलहरी, चीतल, जंगली बिल्ली, हिमालयी काले भालू तथा फाॅर्किटेल, ब्लैक बर्ड्स, लाफिंग थ्रश, कालिज तीतर, नट चैचेस, पार्केट, मोनाल सहित करीब दो सौ से अधिक प्रजातियों के पक्षियों का यह निवास स्थान है।
ऐसे में यहां फैला दावानल कितने वन्य जीवों तथा पक्षी प्रजातियों के जीवन को लील गया होगा, यह अंदाजा ही लगाया जा सकता है।