Mahakumbh 2025: शराब-मांसाहारी पुलिसवालों को महाकुंभ में नहीं मिलेगी ड्यूटी

वर्ष 2025 में महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व से होगी और समापन 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि पर खत्म होगा। महाकुंभ 45 दिनों तक चलता है। इनमें कई शाही स्नान होंगे, जिसमें भारी तादाद में श्रद्धालुओं की भीड़ प्रयागराज में जुटनी है। इसी को देखते हुए कुम्भ मेला में व्यवस्था के लिए पुलिस कर्मियों व अफसरों की डयूटी लगाई गई है।

विस्तार

प्रयागराज जनपद में लगने वाले महाकुंभ मेले में शराब और मांस आदि का सेवन करने वाले पुलिसकर्मियों की ड्यूटी नहीं लगाई जायेगी। इस सम्बन्ध में पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से प्रदेश के सभी जनपदों को सूचित किया गया है। ऐसे पुलिस कर्मियों की भी ड्यूटी मेले में नहीं लगाई जायेगी जो मूल रूप से प्रयागराज जनपद के रहने वाले हैं।

मेले में ड्यूटी लगाते समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि तैनात किये जाने वाले पुलिसकर्मी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ एवं व्यवहार कुशल हों।

डीजीपी मुख्यालय में एडीजी स्थापना संजय सिंघल की ओर से जारी पत्र के मुताबिक महाकुंभ भेजे जाने वाले आरक्षियों की उम्र 40 वर्ष होनी चाहिए। इसी तरह मुख्य आरक्षी 50 वर्ष से अधिक और उपनिरीक्षक एवं निरीक्षक 55 वर्ष से अधिक उम्र के नहीं होने चाहिए।

पुलिसकर्मियों की तैनाती के लिए पहले प्रथम 10 अक्तूबर, द्वितीय चरण के लिए 10 नवंबर और तृतीय चरण के लिए 10 दिसंबर तक नाम भेजने का निर्देश दिया है।इसके साथ ही लिपिक संवर्ग और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भी तैनाती के लिए नाम भेजने को कहा है।

15 पीपीएस अधिकारी होंगे तैनात

डीजीपी मुख्यालय ने महाकुंभ के लिए 15 पीपीएस अधिकारियों को एसपी कुंभ मेला क्षेत्र के साथ नियुक्त किया है, जिसमें तीन विशाल यादव, एएसपी दिनेश कुमार द्विवेदी और दुर्गा प्रसाद तिवारी शामिल हैं।

इसी तरह 12 डिप्टी एसपी में अभिषेक यादव, विनोद कुमार, प्रकाश राम आर्य, राजकुमार सिंह यादव, हर्ष कुमार शर्मा, विजय प्रताप यादव-2, रंजीत यादव, महिपाल सिंह, रजनीश कुमार यादव, विनोद कुमार दुबे, पवन कुमार-2, विजय सिंह यादव शामिल हैं। इन सभी को आगामी 15 अक्तूबर तक प्रयागराज जाने का आदेश दिया गया है।

जानें कुंभ मेले का इतिहास

महाकुंभ का संबंध समुद्र मंथन से जुड़ा है। समुद्र मंथन के दौरान अमृत पाने के लिए देव और दानवों में 12 दिन तक निरंतर संघर्ष चला तो विष्णु के कहने पर गरुड़ ने अमृत का कलश ले लिया। असुरों ने जब गरुड़ से अमतृ कलश छीनने का प्रयास किया तो उस पात्र में से अमृत की कुछ बूंदें छलक कर इलाहाबाद, नासिक, हरिद्वार और उज्जैन में गिरीं।

इसी वजह से महाकुंभ के दौरान हरिद्वार में गंगा, नासिक में गोदावरी, उज्जैन में शिप्रा और इलाहबाद में त्रिवेणी संगम पर स्नान किया जाता है।

कुंभ का आयोजन चार स्थानों पर

  • हरिद्वार– सूर्य मेष राशि और बृहस्पति कुंभ राशि में होते हैं, तब हरिद्वार में महाकुंभ मेला का आयोजन होता है।
  • प्रयागराज– बृहस्पति वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं, तब प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होता है।
  • नासिक- सूर्य और बृहस्पति सिंह राशि में होते हैं, तब नासिक में महाकुंभ मेले के आयोजन होता है।
  • उज्जैन उज्जैन में आयोजित होने वाले कुंभ को सिंहस्थ कहते हैं। बृहस्पति के सिंह राशि में और सूर्य के मेष राशि में होने पर उज्जैन में महाकुंभ का आयोजन होता है।

महाकुंभ 2025 के शाही स्नान की तिथियां

  • 13 जनवरी- शाही स्नान की शुरुआत पौष पूर्णिमा 13 जनवरी से होगी।
  • 14 जनवरी – मकर संक्रांति पर शाही स्नान का आयोजन किया जाएगा।
  • 29 जनवरी- मौनी अमावस्या के दिन शाही स्नान का आयोजन किया जाएगा।
  • 03 फरवरी – वसंत पंचमी पर शाही स्नान का आयोजन।
  • 04 फरवरी -अचला सप्तमी पर शाही स्नान का आयोजन।
  • 12 फरवरी – माघ पूर्णिमा के दिन महत्वपूर्ण शाही स्नान का आयोजन।
  • 26 फरवरी – महाशिवरात्रि के दिन अंतिम शाही स्नान का आयोजन होगा।
https://regionalreporter.in/a-crowd-of-devotees-is-gathering-in-siddhapeeth-kalimath/
https://youtu.be/_gUGR30Res0?si=OpkYTUlCHVEMlQKp

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