खराब मौसम के चलते सहस्त्रताल में भटक गए दल के सदस्य
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
उत्तराखंड में सहस्रताल की ट्रेकिंग पर गया एक ट्रेकिंग दल रास्ता भटक गया। खराब मौसम के चलते रास्ता भटकने से इस ट्रेकिंग दल में शामिल 22 ट्रेकर्स में से 4 की मौत हो गई है। जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट को इस उच्चे हिमालयी ट्रेक में अभी भी 13 लोगों के फंसे होने की सूचना मिली है।
हादसे की खबर मिलते ही जिलाधिकारी डा.मेहरबान सिंह बिष्ट ने एसडीआरएफ मुख्यालय से ट्रेकर्स को रेस्क्यू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। सूचना मिली है कि दल में शामिल 4 ट्रैकर्स की ठंड लगने से मौत हो गई है, जबकि 7 अन्य की तबियत खराब चल रही है। इस दल के 13 सदस्य अभी भी वहां फंसे हुए हैं। जिलाधिकारी को इस संदर्भ की जानकारी ट्रेकिंग एजेंसी उत्तरकारी के अध्यक्ष एवं गाईड राजेश ठाकुर ने दी है।
जिलाधिकारी ने एसडीआरएफ कमांडेंट को ट्रेकिंग दल के फंसे सदस्यों की मदद के संदर्भ में लिखे पत्र में कहा है कि ट्रेकिंग एजेंसी उत्तरकाशी के अध्यक्ष एवं गाईड राजेश ठाकुर ने जानकारी दी है कि हिमालयन व्यू ट्रेकिंग एजेंसी, मनेरी की ओर से मल्ला-सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रेक पर एक 22 सदस्यीय ट्रेकिंग दल गत 29 मई को सहस्त्रताल के ट्रेकिंग अभियान पर रवाना हुआ था। ट्रेकिंग एजेसी को जानकारी मिली है कि यह दल मौसम खराब होने पर रास्ता भटक गया तथा इसके चलते चार सदस्यों की मौत हो गई है।
उन्होंने लिखा है कि अभी भी इस दल के 13 सदस्यों को रेस्क्यू किए जाने की जरूरत है। अतः एसडीआरएफ की टीम समय रहते इस रेस्क्यू अभियान को अंजाम दे।
जिलाधिकारी ने यह भी सुझाव दिया है कि सहस्त्रताल लगभग 4100-4400 मीटर की ऊंचाई पर है। ये घटना उत्तरकाशी एवं टिहरी जिले के सीमा क्षेत्र में स्थित है। इसलिए दल को शीघ्र रेस्क्यू किए जाने के लिए उत्तरकाशी तथा घनसाली टिहरी से उच्च हिमालय रेस्क्यू टीम भेजकर शीघ्रातिशीघ्र अभियान शुरू किया जाना जरूरी है।
एनडीआरएफ तथा वन विभाग की स्थानीय टीमों को भी घटना स्थल में रेस्क्यू टीम भेजने को कहा गया है। ट्रेकिंग एसोसिएशन ने सिल्ला गांव से भी लोगों को मौके की ओर भेजने के लिए कहा है। इस संदर्भ में टिहरी जिले के घनसाली क्षेत्र से भी वन विभाग का दल भेजे जाने हेतु अनुरोध किया गया है।
बुधवार प्राप्त जानकारी के अनुसार सहस्त्रताल रेस्क्यू अभियान में अभी तक 11 ट्रैकर्स को हेलीकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षित निकाल लिया गया है और अन्य 02 ट्रेकर्स नजदीकी बेस कैंप में सुरक्षित थे। जो नजदीकी रोड हेड सिल्ला गांव के लिए पैदल निकले चुके हैं।
घटना स्थल से 05 शवों को भी निकाला जा चुका है। इस हादसे में 22 सदस्यों वाले ट्रैकर्स दल के बाकी चार सदस्यों की खोज एवं बचाव के लिए रेस्क्यू अभियान युद्ध स्तर पर जारी है।
वहीं दोपहर बाद इस उच्च हिमालयी क्षेत्र में मौसम खराब होने के कारण हेलीकाप्टर रेस्क्यू अभियान में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जिस कारण हेली रेस्क्यू अभियान को रोकना पड़ा है।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने घटना स्थल को भेजी गई जमीनी रेस्क्यू टीमों को तेजी से आगे बढ़ने को कहा गया है। लगभग पैंतीस किमी लंबे इस दूरस्थ हिमालयी ट्रैक पर घटनास्थल तक पहुंचने में भी रेस्क्यू टीमों को समय लग रहा है। जमीनी रेस्क्यू टीमें दो विपरीत दिशाओं से घटना स्थल की तरफ तेजी से आगे बढ़ रही हैं।