रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
विभिन्न देशों में मंकी पाक्स के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है और इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अलर्ट जारी किया है। ऐसे में उत्तराखंड में मंकी पॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। मरीज में संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल जांच कर आइसोलेट करने के लिए कहा गया है।
स्वास्थ्य विभाग में सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को दिशा निर्देश भी जारी किए हैं जिसमें इस बीमारी के रोकथाम के लिए हिदायत दी गई है। कोई भी संदिग्ध मरीज मिलने पर कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिए कहा गया है।
साथ ही प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। हालांकि अभी तक प्रदेश में मंकीपाक्स का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
स्वास्थ्य महानिदेशक का कहना है कि सभी मरीजों पर गहन निगरानी की जा रही है और संदिग्धों की पहचान होने पर नमूना भी इकट्ठा किया जायेगा और उसे सुरक्षित तरीके से लैब भेजा जायेगा।
वायरस के लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। स्वास्थ्य महानिदेशक का कहना है कि यह बीमारी जानवरों से मनुष्यों में फैलती है और इसके लक्षण चेचक जैसे हैं।
इसके लक्षणों में सर दर्द, बुखार, थकान महसूस होना, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, लिंफ नोड में सूजन और शरीर पर चकते, जो तीन सप्ताह तक रह सकते हैं।
ऐसे फैलता है संक्रमण
- मरीज के घाव से निकलकर यह वायरस आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है।
- संक्रमित मरीज के खांसने और छींकने से यह वायरस फैल रहा है। संक्रमित व्यक्ति के कपड़े से भी यह वाइरस दूसरे में चला जाता है जिनके अंदर इम्यूनिटी की कमी है उनमें भी यह वायरस तेजी से फैल रहा है।
- इसके अलावा बंदर, चूहे, गिलहरी जैसे जानवरों के काटने से या उनके खून और बाडी फ्लूइड्स को छूने से भी मंकीपाक्स फैल सकता है।
- ठीक से मांस पका कर न खाने या संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी आप इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।