आँगन से बच्ची को उठा ले गया गुलदार

बच्ची को झाड़ी से निकाल अस्पताल की ओर दौड़े संजय फ़ौजी

a messiah
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो

दिखने में एकदम सीधे-सादे, अक्सर सफ़ेद उजले कपड़ों में दिखाई देने वाले संजय ‘फ़ौजी’ वास्तव में इंसानियत से भरे हुए हैं। शुक्रवार की शाम जब श्रीकोट क्षेत्र में गुलदार सात वर्षीय बच्ची को उठा ले गया, तो उनका दर्द उनकी आँखों से छलक रहा था। ग्रामीणों के साथ सिया की ढूंढ़ खोज में संजय फ़ौजी भी शामिल थे।
गुलदार कहीं झाड़ियों में ही न छिपा हो, इसके लिए ग्रामीण भयभीत भी थे, लेकिन संजय फ़ौजी अपनी जान की परवाह किये बिना झाड़ियों के भीतर बच्ची को तलाशते रहे। आखिरकार घर से करीब 100 मीटर की दूरी पर एक झाड़ी में गुलदार सिया को छोड़ गया। संजय फ़ौजी ने बड़ा साहस दिखाते झाड़ी के भीतर से गंभीर घायल बच्ची को बाहर निकाला। अपने सीने से बच्ची को लगाए, मेरी बच्ची मेरी बच्ची कहते हुए वे अस्पताल की ओर दौड़ पड़े।

इससे पहले भी वे गांव तथा समाज की सेवा में कई बड़े काम कर चुके हैं। संजय फ़ौजी की ही पहल पर श्रीकोट गंगानाली में एक भव्य स्टेडियम निर्मित हो पाया है।

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आंगन से गुलदार ने बच्ची को उठाया

प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को एम्स के लिए किया रेफर

रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
श्रीनगर नगर निगम के श्रीकोट गंगानाली क्षेत्र में करीब 8 बजे एक सात वर्षीय बच्ची को गुलदार घर के आंगन से उठा ले गया। ग्रामीणों ने आसपास की झाड़ियां में ढूंढ़ खोज शुरू की। श्रीकोट गंगानली के निवर्तमान सभासद संजय फ़ौजी ने बच्ची को झाड़ी के अंदर घुसकर ढूंढ निकाला, जहां ग्रामीणों के भय से गुलदार बच्ची को छोड़कर भाग निकला था। बीते तीन माह से श्रीकोट क्षेत्र लगातार गुलदार का खौफ बना हुआ है।


शुक्रवार सांय करीब आठ बजे श्रीकोट गंगानाली की
7 वर्षीय मासूम सिया को गुलदार आंगन से उठा ले गया। ग्रामीणों ने खोजने के प्रयास किए, तो घटनास्थल से करीब 100 मीटर दूर बच्ची झाड़ियों में बेहोशी की हालत में मिली। सिया को बेस अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के बाद डॉक्टरों ने उसे तुरंत हायर सेंटर एम्स ऋषिकेश के लिए रेफर कर दिया।

गुस्साए ग्रामीणों ने प्रशासन और वन विभाग पर जताया आक्रोश
इस घटना के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग की कार्यशैली पर गुस्सा जाहिर किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन और वन विभाग की अनदेखी के कारण ही आज यह घटना सामने आई है।

स्वास्थ्य मंत्री ने दिए आदेश

स्वास्थ्य मंत्री डा.धन सिंह रावत ने अस्पताल प्रशासन से बच्चे को उचित इलाज देने के निर्देश दिए हैं। वन विभाग और प्रशासन को घटना का संज्ञान लेने के निर्देश दिए।

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