Indian Navy में शामिल हुई अरिघात परमाणु पनडुब्बी

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार, 29 अगस्त को विशाखापत्तनम में पूर्वी नौसेना कमान बेस पर भारत की दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी अरिघात (Nuclear Submarine INS Arighat) को इंडियन नेवी नौ सेना को सौंपा। इस दौरान नौसेना के अधिकारियों और जवानों ने रक्षा मंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। 

पहली परमाणु पनडुब्बी INS अरिहंत को साल 2009 में भारतीय नेवी में शामिल किया गया था। इसके बाद INS अरिघात को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।

जानें INS अरिघात की विशेषताएं

परमाणु ईंधन से चलने वाली और परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस यह पनडुब्बी अरिहंत क्लास की अत्याधुनिक SSBN (Ship, Submersible, Ballistic, Nuclear) है। इस पनडुब्बी को विशाखापत्तनम स्थित शिपबिल्डिंग सेंटर में तैयार किया गया है।

INS अरिघात का वजन 6000 टन है। इस पनडुब्बी की लंबाई करीब 113 मीटर है। जबकि इसकी बीम 11 मीटर और ड्राफ्ट 9.5 मीटर है।

यह पानी के भीतर 980 से 1400 फीट की गहराई तक जा सकती है। खास बात ये है कि इस पनडुब्बी की रेंज असीमित है यानी खाने की सप्लाई और मेंटेनेंस रहने पर ये असीमित समय तक समंदर में रह सकती है।

पनडुब्बी से दागी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल की रेंज 750 किलोमीटर है।  इसमें चार K4 मिसाइलें भी लगी हैं। जिनकी मारक क्षमता 3500 km है। इस पनडुब्बी में 21 इंच की छह टॉरपीडो लगी हैं। इसके अलावा, कई टॉरपीडो ट्यूब हैं जिनका उपयोग टॉरपीडो, मिसाइल या समुद्री माइंस को तैनात करने के लिए किया जा सकता है।

इस पनडुब्बी के अंदर न्यूक्लियर रिएक्टर भी लगा है, जो परमाणु ईंधन के जरिए इस पनडुब्बी को सतह पर 28 km/hr और पानी के अंदर 44 km/hr की स्पीड प्रदान करेगा।

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