नीट परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान

1563 छात्र फिर से देंगे नीट एग्जाम
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो

नीट परीक्षा को लेकर एक बड़ी अपडेट सामने आई है। देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) में धांधली को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में तीन याचिकाएं दायर हुई हैं, जिन पर गुरुवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि आपकी बात NTA ने मान ली है। वो ग्रेस मार्क को हटा रहे है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा की केवल वो छात्र ही शामिल होंगे जिनको ग्रेस मार्किंग मिले थे।

23 जून को होगा Re-NEET
नीट परिक्षा को लेकर NTA ने 23 जून की तिथि तय कर की है। इनमें 1563 छात्र एग्जाम देंगे, इसके बाद ही काउंसलिंग की जाएगी। NTA ने कहा 23 जून को दोबारा परीक्षा (1563) होगी उसके बाद ही काउंसलिंग की जाएगी। परीक्षा परीणाम 30 जून या उससे पहले भी आ सकते है।

दोबारा इन छात्रों को देनी होगी परिक्षा
NTA परीक्षा परिणाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थी, जिसमें से ग्रेस मार्क्स, री-एग्जाम और परीक्षा कैंसिल वाली याचिकाओं पर गुरुवार (13 जून) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।

इस मामले में न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई की। वहीं NTA के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि दोबारा परीक्षा की अधिसूचना 13 जून को ही जारी कर दी जाएगी।

नीट यूजी फिर से 23 जून को आयोजित किया जा सकता है। परिणाम जून में ही घोषित कर दिए जाएंगे। ताकि जुलाई में शुरू होने वाली काउंसलिंग प्रभावित न हो।

शिक्षा मंत्री का बयान, पेपर लीक नहीं हुआ
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान नीट विवाद में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और संस्सथा NTA छात्रों को पारदर्शी परीक्षा दिलाने के लिए संकल्पबद्ध है।

शिक्षा मंत्री ने इस बात से साफ इंकार कर दिया कि कहीं भी कोई पेपर लीक नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार परिक्षा करवाई जाएगी। आपको बता दें कि इस केस में 8 जुलाई को फिर इस मामसे में सुनवाई की जाएगी।

https://youtu.be/e3cZ8ynvoV0?si=yJKbTn_oq7W71U2t

नीट परीक्षा में धांधली करने वालों पर सख्त करावाई
बुधवर को NTA अधिकारियों ने कहा था कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा का पेपर लीक नहीं हुआ है। NEET-UG में अनुचित साधनों का उपयोग करने वाले छात्रों के 63 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 23 को अलग-अलग अवधि के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। वहीं अनुचित साधनों का उपयोग करते हुए पाए गए शेष 40 उम्मीदवारों का परिणाम रोक दिया गया है।

NTA डीजी सुबोध कुमार सिंह ने कहा, ‘प्रतिरूपण, धोखाधड़ी और ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ जैसे विभिन्न प्रकार के मामलों को सामने रखने के लिए परीक्षा और शिक्षा के क्षेत्र में तीन प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की एक समिति गठित की गई थी।

पैनल की सिफारिशों पर, 12 उम्मीदवारों को 3 साल के लिए परीक्षा देने से रोक दिया गया, 9 उम्मीदवारों को 2 साल के लिए और 2 उम्मीदवारों को 1-1 साल के लिए परीक्षा देने से रोक दिया गया. शेष उम्मीदवारों का परिणाम रोक दिया गया है।

https://regionalreporter.in/native-residence-self-respect-maha-rally/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: