रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
स्थानीय जनता लंबे समय से जोशीमठ को ज्योतिर्मठ नाम दिए जाने की मांग कर रही थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने भी यह मांग प्रमुखता से उठाई गई।
मुख्यमंत्री धामी ने इसे गंभीरता से लेते हए नाम परिवर्तन का फैसला लिया। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप प्रस्ताव बनाकर भारत सरकार को भेज दिया गया। अब केंद्र ने ज्योतिर्मठ तहसील के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार के फैसले का स्थानीय जनता ने स्वागत किया है।
चमोली जिले की जोशीमठ तहसील को अब उसके प्राचीन नाम ज्योतिर्मठ से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विगत वर्ष चमोली जिले के घाट में आयोजित कार्यक्रम में जोशीमठ का नाम का नाम बदलकर ज्योतिर्मठ करने की घोषणा की थी।
जाने क्या है वजह
मान्यता है कि 8वीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य इस क्षेत्र में आए थे। उन्होंने अमर कल्प वृक्ष के नीचे तपस्या की थी जिससे उन्हें दिव्य ज्ञान ज्योति की प्राप्ति हुई थी।
दिव्य ज्ञान ज्योति और जयोतेश्वर महादेव की वजह से इस स्थान को ज्योतिर्मठ का नाम दिया गया, लेकिन यह जोशीमठ के नाम से ही प्रचलित हो गया। इसके बाद नाम बदलने की मांग की बार प्रमुखता से उठी, लेकिन इस पर अमल नहीं हो सका। मुख्यमंत्री धामी ने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए जोशीमठ तहसील को ज्योतिर्मठ नाम देने का फैसला किया।
कोश्याकुटोली जाना जाएगा अब श्री कैंचीधाम तहसील
नैनीताल की कोश्याकुटोली को अब परगना श्री कैंचीधाम तहसील के नाम से जाना जाएगा। केंद्र सरकार ने राज्य की ओर से भेजे गए तहसील नाम परिवर्तन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री धामी ने बीते वर्ष कैंची धाम मंदिर के स्थापना दिवस (15 जून) के मौके पर कोश्याकुटोली तहसील को श्री कैंचीधाम के नाम पर करने की घोषणा की थी। इसके लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया था।
केंद्र ने सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद कोश्याकुटोली तहसील का नाम बदलकर परगना श्री कैंचीधाम तहसील करने की मंजूरी दे दी। कैंची धाम को मानसखंड मंदिर माला मिशन में भी शामिल किया गया है।