समस्त श्रीनगर क्षेत्र में शोक की लहर
पत्नी नगमा तौफीक हैं भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की जिलाध्यक्ष
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
जिन्दगी कब दगा दे जाए यह किसी को मालूम नहीं, लेकिन फिर भी जिन्दगी जीने की कवायत में हर इंसान दौड़-भाग में लगा हुआ है। कर्णप्रयाग डिग्री कॉलेज में भूगोल के प्रवक्ता डॉ. तौफीक अहमद इसी कवायत के बीच एक्सीडेंट का शिकार हुए और बुधवार, 24 अप्रैल को एम्स ऋषिकेश में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। डॉ. तौफीक अहमद श्रीनगर के भीतर एक शानदार क्रिकेटर, मझे हुए कलाकार तथा जानदार व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते रहे। अपने पीछे वे पत्नी नगमा तौफीक जो कि भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की जिलाध्यक्ष है, डॉ. बेटी डॉ. रिदा तौफीक तथा दो बेटों को रोता-बिलखता छोड़ गए हैं। उनके छोटे भाई परवेश अहमद श्रीनगर में जश्न-ए-विरासत जैसे आयोजनों को अंजाम देते रहे हैं। ऐसे सामाजिक परिवेश के परिवार पर अचानक आई हुई विपत्ति से श्रीनगर क्षेत्र में शोक की लहर है।
डॉ. तौफीक अहमद के बालसखा रहे शंकरमणि मिश्रा बताते हैं कि डॉ. तौफीक अहमद दोस्तों पर दिलो-जान न्यौछावर करने वाले व्यक्ति थे। क्रिकेट उनकी जान थी तथा वे एक मझे हुए रंगकर्मी भी थे। वे किसी तरह का दुराव-छिपाव नहीं रखते थे उनकी राय बहुत स्पष्ट होती इसलिए संगी-साथी उनके बताए आइडियाज पर तुरंत काम करते। उनका इस तरह चले जाना हम सभी को स्तब्ध कर गया है।
क्रिकेट में उनके गुरू तथा साथी खिलाड़ी रहे सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप मल्ल कहते हैं कि डॉ. तौफीक अहमद इन- कटर बॉलिंग के उस्ताद थे जरूरत पड़ने पर वे धुंआधार बल्लेबाजी से अपनी टीम को जीत दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे। विश्वविद्यालय में अंतरविश्वविद्यालय तथा नॉर्थ जोन प्रतियोगिताओं में एक शानदार खिलाड़ी के रूप में उन्होंने शिरकत की। वर्तमान में वे क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान अम्पायर की भूमिका में रहते। उनकी मृत्यु का समाचार जानकर अवाक हूँ।
मंगलवार की सुबह डॉ. तौफिक अहमद तथा प्रदीप मल्ल की भेंट श्रीनगर में रेन्बो पब्लिक स्कूल के समीप हुई। वे दोनों डालमिया धर्मशाला तक साथ-साथ चले। इस बीच विश्वविद्यालय संबंधी कुछ कार्यों, प्रदीप मल्ल जी द्वारा फेसबुक पोस्ट न लिखे जाने पर डॉ. तौफीक ने उनसे बातचीत की और कहा कि आपकी पोस्टों से हम श्रीनगर के घटनाक्रम पर नजर रखते हैं। प्रदीप मल्ल कहते हैं कि डॉ. तौफीक हमारे साथ किसी भी मन्दिर में दर्शनों के लिए चलने को तैयार रहते। वे बेहद आत्मीय व्यक्ति थे, उनका इस तरह अचानक चले जाना सम्पूर्ण श्रीनगर क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है
उनके असामयिक निधन पर हिमांशु नौड़ियाल, यतेन्द्र मिश्रा, विजयलक्ष्मी रतूड़ी, विजय रावल, गणेश भट्ट, विजयानंद बहुगुणा, अंकित भट्ट, कैलाश भट्ट, कुशलानाथ, अमित सिंह, संतोष पोखरियाल, अरूण बड़ोनी, सोहन जैठुणी, नरेश खंडूडी, पूनम तिवाड़ी, मनीष नौटियाल, अमिल असवाल, राहुल कैंतुरा, सुरेन्द्र रावत, संजय कुमार, धीरेन्द्र भण्ड़ारी, ऋषभ नौटियाल समेत कई दर्जन लोंगों ने शोक संवेदना प्रकट की है।
क्या होती है इनकटर बॉलिंग
इनकटर बॉलिंग को हिंदी में “कटर बॉलिंग” कहा जाता है। यह एक प्रकार की गेंदबाजी है जिसमें गेंदबाज गेंद को ऐसे छोड़ता है कि वह हवा में बाहर की ओर स्विंग होकर बल्लेबाज की ओर कटती हुई आती है। इसे ऑफ कटर भी कहते हैं और यह बल्लेबाज को चकमा देने के लिए उपयोगी होती है।
स्वीत पुल के समीप ऐसे हुई थी घटना
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंगलवार शाम साढ़े चार बजे के करीब रुद्रप्रयाग से श्रीनगर आ रही कार स्वीत पुल के पास हाईवे किनारे लगे साइन बोर्ड के पोल से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। कार में सवार चारों लोगों को गंभीर चोटें आ गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को बेस चिकित्सालय श्रीकोट पहुंचाया। जहां डाक्टरों ने एक व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक श्रीनगर सुनील रावत ने बताया कि घटना में दिनेश (50) पुत्र दयालु ग्राम सौड़ भटगांव, रूद्रप्रयाग की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, तौफीक अहमद (52) पुत्र रफीक अहमद निवासी अलकनंदा विहार श्रीनगर की हालत नाजुक बनी हुई थी और बुधवार एम्स हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। विश्वपति भट्ट (52) पुत्र वासुदेव भट्ट निवासी चौरास और सुमाड़ी निवासी राकेश को गहरी चोटें आई हैं। बताया जा रहा है कि घायल कुछ बताने की स्थिति में नहीं हैं।