मणिपुर में 8 से 10 नवंबर के बीच तीन दिनों में सात हमले हो चुके हैं। एक BSF जवान के घायल होने के साथ ही इन हमलों में दो महिलाओं की मौत हुई हैं। उग्रवादियों के फायरिंग में 1 डॉक्टर की भी मौत हुई है।
विस्तार
मणिपुर के इम्फाल ईस्ट के मैतेई बहुल गांव सनासाबी में कुकी उग्रवादियों ने रविवार, 10 नवम्बर को तीसरा आतंकी हमला किया। पुलिस ने बताया कि हथियारबंद उग्रवादियों ने धान की कटाई कर रहे मैतेई किसानों पर पहले फायरिंग की फिर बम फेंके।
हमले की सूचना मिलते ही पुलिस और BSF की 119वीं बटालियन की टीम मौके पर पहुंची, जिसके बाद उग्रवादियों और BSF जवानों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। 40 मिनट तक चली फायरिंग में BSF के चौथी महार रेजिमेंट का एक जवान घायल हो गया। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
खबर है कि झड़प के दैरान हमलावरों ने बम का इस्तेमाल किया और उसके बाद उयोक चिंग मैनिंग पहाड़ी से गोलीबारी की।
मणिपुर में 3 दिन में 7 हमले, 3 मौतें, 1 जवान घायल
- 10 नवंबर- इम्फाल ईस्ट के मैतेई गांव में कुकी उग्रवादियों ने बम फेंके। BSF जवान के हाथ में गोली भी लगी।
- 10 नवंबर- थाम्नापोक्पी में कुकी-चिन हमलावरों की मैतेई हथियारबंद लोगों और असम राइफल्स के जवानों के बीच गोलीबारी हुई।
- 9 नवंबर- थम्नापोकपी के कुकी गांवों के तीन अलग-अलग स्थानों से उग्रवादियों ने रात करीब साढ़े नौ बजे मोंगबुंग गांव पर बम फेंके। साथ ही साढ़े 4 घंटे तक गोलीबारी भी की।
- 9 नवंबर- बिष्णुपुर जिले में सैटन गांव के पास सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच फायरिंग हुई।
- 9 नवंबर- बिष्णुपुर के लाम्पत में धान के खेतों में काम करते वक्त 34 साल की महिला की गोली लगाने से मौत हुई।
- 9 नवंबर- पोरोम्पोत में मैतेई समुदाय के डॉक्टर मोइरांग्थेम दानबीर को कुकी उग्रवादियों ने गोली मार दी।
- 8 नवंबर– जैरावन गांव में हथियारबंद उग्रवादियों ने 6 घर जला दिए। फायरिंग में एक 31 साल की महिला की मौत हो गई।
जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में एनकाउंटर में एक JCO शहीद
(Jammu-Kashmir) के किश्तवाड़ में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ (Kishtwar Encounter) के दौरान सेना के एक जेसीओ शहीद हो गए। साथ ही मुठभेड़ में तीन जवान घायल भी हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती गोलीबारी में जेसीओ सहित सेना के चार जवान घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां तीन की हालत गंभीर बताई गई। बाद में जेसीओ शहीद हो गए। नायब सूबेदार राकेश कुमार 2 पैरा (एसएफ) से थे।
तलाशी अभियान के दौरान शुरू हुई मुठभेड़
रविवार, 10 नवम्बर को मुठभेड़ सुबह 11 बजे के करीब उस वक्त शुरू हुई जब सेना और पुलिस के संयुक्त तलाशी दलों ने उस स्थान से कुछ किमी. दूर एक जंगल में आतंकवादियों को रोका, जहां ग्राम रक्षकों नजीर अहमद और कुलदीप कुमार के गोलियों से छलनी शव मिले थे।
आतंकवादियों द्वारा ग्राम रक्षकों के अपहरण और हत्या के बाद गुरुवार शाम को कुंतवाड़ा और केशवान के जंगलों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया था।
इन दिनों जम्मू-कश्मीर में कई अलग-अलग जगहों पर एनकाउंटर जारी हैं। श्रीनगर के जबरवान में पिछले दो दशक में ऐसा पहली बार हुआ है जब जबरवान के घने जंगलों में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच रविवार को मुठभेड़ हुई और इलाके में दशहत के माहौल के बीच स्थानीय निवासियों को वहां से भागने पर मजबूर होना पड़ा।
इलाके में घेराबंदी मजबूत करने के लिए अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है। डल झील के किनारे निशात के आस-पास इस एनकाउंटर से पहले, इस महीने की शुरूआत में श्रीनगर के खानयार इलाके में मुठभेड़ हुई थी, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा का एक शीर्ष पाकिस्तानी कमांडर मारा गया था।