आगामी बरसात में सुरक्षा दिवार के निर्माण न होने से ग्रामीणों को है खतरा
लक्ष्मण सिंह नेगी
मदमहेश्वर घाटी की सीमान्त ग्राम पंचायत व द्वितीय केदार मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर गौण्डार गाँव व बनातोली तोक के निचले हिस्से में सुरक्षा दिवारों का निर्माण न होने से आगामी बरसात में गांव खतरे की जद में आ सकता है तथा गाँव खतरे की जद में आने से ग्रामीणों के सन्मुख मुसीबतों का पहाड़ खड़ा हो सकता है।
ग्रामीणों द्वारा गौण्डार गाँव व बनातोली तोक के निचले हिस्से में सुरक्षा दिवारों के निर्माण के लिए शासन-प्रशासन व सिंचाई विभाग से कई बार गुहार लगाई गयी है मगर आज तक सुरक्षा दिवारों का निर्माण न होने से ग्रामीण अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। आने वाले बरसात में यदि मधु गंगा के जल स्तर में वृद्धि होती है तो गौण्डार व बनातोली तोक खतरे की जद में आ सकतें है।
बता दे कि 16-17 जून 2013 तथा विगत वर्ष 14 अगस्त को मधु गंगा के जल स्तर में भारी वृद्धि होने के कारण गौण्डार गाँव व बनातोली तोक के निचले हिस्से में भू कटाव होने से गौण्डार गाँव व बनातोली तोक खतरे की जद में आ गये थे। एक वर्ष से अधिक समय व्यतीत होने के बाद भी गौण्डार गाँव व बनातोली तोक के निचले हिस्से में सुरक्षा दिवारों का निर्माण न होने से बरसात के समय ग्रामीणों की रातों की नींद हराम हो जाती है।
प्रधान गौण्डार बीर सिंह पंवार ने बताया कि शासन-प्रशासन व सिंचाई विभाग को वर्ष 2017 व वर्ष 2023 में गौण्डार गाँव व बनातोली तोक के निचले हिस्से में सुरक्षा दिवारों के निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजकर सुरक्षा दिवारों के निर्माण की मांग की गयी थी तथा सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा गौण्डार गाँव व बनातोली तोक का स्थलीय निरीक्षण भी किया गया था मगर आज तक सुरक्षा दिवारों का निर्माण न होने से स्पष्ट हो गया है कि शासन-प्रशासन व सिंचाई विभाग द्वारा सीमान्त गांव के ग्रामीणों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
बनातोली के व्यापारी बीरबल सिंह बिष्ट ने बताया कि बरसात शुरू होते ही मोर गंगा के जल स्तर में धीरे-धीरे वृद्धि होने लगी है तथा यदि पिछले बरसात की तरह इस बरसात में भी मोर गंगा का जल स्तर उफान पर रहता है तो भारी नुकसान होने की सम्भावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।
ग्रामीण बलवन्त सिंह पंवार ने बताया कि यदि आगामी बरसात में मधु गंगा का वेग उफान पर रहता है तो गौण्डार गाँव के 68 व बनातोली तोक के 8 परिवारों को खतरा उत्पन्न हो सकता है। ग्रामीण अखिलेश पंवार का कहना है कि आसमान में बादल गजरते ही ग्रामीणों की चिन्ताएं बढ़ने लगती है। ग्रामीण ताजवर पंवार ने बताया कि यदि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी मधु गंगा के जल स्तर में भारी वृद्धि होती है तो गौण्डार गाँव व बनातोली तोक में प्रवास कर रहे ग्रामीणों पर प्रकृति का कहर बरस सकता है।