दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है। हालात, ऐसे हैं कि प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी है।
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ी है, वैसे-वैसे हवा की गुणवत्ता भी खराब होती जा रही है। राजधानी में जहरीली हवा ने एक बार फिर से गैस चेंबर जैसा माहौल बना दिया है।
इस संकट से निपटने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 15 नवंबर, शुक्रवार से दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-3) के तीसरे चरण (GRAP-3) को भी लागू कर दिया है।
सीएक्यूएम ने दिल्ली की बिगड़ती हवा की गुणवत्ता पर बैठक की थी, जिसमें बताया गया कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों की वजह से प्रदूषण बढ़ रहा है। सीएक्यूएम ने कहा कि शांत हवा और कम तापमान की वजह से हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। जिसे ठीक करने के लिए प्रदूषण रोकने से संबंधित उपाय लागू करने के निर्देश दिए।
GRAP-3 के तहत सबसे बड़ी पाबंदी मालवाहन गाड़ियों पर लागू होगी, खासकर उन पर जो डीजल से चलती हैं। अब दिल्ली में डीजल से चलने वाले लाइट मोटर व्हीकल्स (LMV) और 4 पहिया वाहनों पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही बीएस-III पेट्रोल गाड़ियां भी सड़क पर नहीं चल सकेंगी। हालांकि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, सीएनजी गाड़ियां और बीएस-6 गाड़ियां दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगी।
इसके अलावा बीएस-III डीजल लाइट कमर्शियल व्हीकल्स को दिल्ली में एंट्री नहीं मिलेगी। सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बढ़ाया जाएगा, और दिल्ली मेट्रो की फ्रीक्वेंसी को भी बढ़ा दिया जाएगा।
स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी
मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली में पांचवीं तक के सभी स्कूल अगले आदेश तक बंद रखने के आदेश दिए हैं। स्कूलों में आनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। अन्य कक्षाओं के लिए स्कूल पहले की तरह खुले रहेंगे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार,
कंस्ट्रक्शन-तोड़फोड़ पर रोक
दिल्ली-NCR में कंस्ट्रक्शन और तोड़फोड़ कार्यों को प्रदूषण बढ़ाने वाला माना गया है। इसलिए इस पर भी सख्त पाबंदी लगा दी गई है। अब इन कामों पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा, जिनसे धूल उड़ती है। इसके अलावा, सड़क की सफाई, वेल्डिंग, पेंटिंग, और सीमेंटिंग जैसे कार्यों पर भी पाबंदी लगाई गई है। लैंडफिल साइट्स और खनन गतिविधियों पर भी रोक लगा दी जाएगी।
दिल्ली का AQI 428 तक पहुंचा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, गुरुवार सुबह नौ बजे दिल्ली का AQI 428 दर्ज किया गया, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का कारण 30.34% स्थानीय स्रोतों को और 34.97% प्रदूषण को NCR और NCR के बाहर के क्षेत्रों के योगदान के कारण माना गया है।