हिमवन्त साहित्य सम्मान से सम्मानित होंगे साहित्यकार पृथ्वी सिंह केदारखण्डी

हिमवंत कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल को प्रकृति प्रेमी कवि माना जाता है। इनका जन्म रुद्रप्रयाग जिले के ग्राम मालकोटी, में 20 अगस्त, 1919 में हुआ था। मात्र 28 साल की कम उम्र एक हज़ार अनमोल कविताएं, 24 कहानियां, एकांकी और बाल साहित्य का अनमोल खजाना हिन्दी साहित्य को दिया था। मृत्यु पर आत्मीय ढंग से और विस्तार से लिखने वाले चंद्रकुंवर बर्त्वाल हिंदी के पहले कवि हैं।

कवि चन्द्र कुंवर बर्त्वाल प्रमुख कृतियों में पयस्विनी, काफल पाक्कू, विराट ज्योति, कंकड़-पत्थर, जीतू, मेघ नंदिनी हैं। युवावस्था में ही वह तपेदिक यानी TB के शिकार हो गए और इसके चलते उन्हें पांवलिया के जंगल में बने घर में एकाकी जीवन व्यतीत करना पड़ा था। मृत्यु के सामने खड़े कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल ने अपनी सर्वश्रेष्ठ कविताओं को लिखा। 14 सितम्बर, 1947 को हिन्दी साहित्य के कवि दुनिया को अलविदा कह गए।

गत वर्ष की भांति इस वर्ष हिमवन्त कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल की स्मृति में दिया जाने वाला प्रतिष्ठित हिमवन्त साहित्य सम्मान इस वर्ष प्रसिद्ध साहित्यकार पृथ्वी सिंह केदारखण्डी को दिया जायेगा। उन्हें यह सम्मान हिमवन्त कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल की स्मृति में आयोजित साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मेले में एक भव्य समारोह में दिया जायेगा।

चन्द्रकुंवर बर्त्वाल स्मृति शोध संस्थान अगस्त्यमुनि के अध्यक्ष हरीश गुसाईं ने बताया कि विगत दिनों हुई समिति की बैठक यह भी निर्णय लिया गया कि इस बार चन्द्रकुंवर बर्त्वाल के जन्म दिन पर होने वाले कार्यक्रम, 17 अगस्त 2024 को पूर्व की भांति उनकी कर्मस्थली रा.इ.का. अगस्त्यमुनि में आयोजित किए जायेंगे।

जिसमें कवि की कविताओं का सस्वर पाठ, पेंटिंग पोस्टर प्रतियोगिता तथा कवि से सम्बन्धित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी। बैठक में इस वर्ष आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए आय-व्यय पर भी चर्चा की गई। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस वर्ष का हिमवन्त साहित्य सम्मान प्रसिद्ध साहित्यकार पृथ्वी सिंह केदारखण्डी को दिया जायेगा।

मूल रूप से रूद्रप्रयाग जनपद में अगस्त्यमुनि ब्लॉक के कन्यास गंधव के निवासी पृथ्वी सिंह केदारखण्डी वर्तमान में दिल्ली में रहते हुए साहित्य सृजन के साथ ही चन्द्रकुंवर बर्खाल स्मृति मंच के माध्यम से हिमवन्त कवि की रचनाओं के प्रचार प्रसार में लगे हैं।

बैठक में समिति के संरक्षक अनसूया मलासी, उपाध्यक्ष गिरीश बेंजवाल, सचिव सुधीर बर्खाल, कोषाध्यक्ष कालिका काण्डपाल, सह सचिव कुसुम भट्ट, सदस्य दीपक बेंजवाल, ललिता रौतेला, गंगाराम सकलानी, हेमन्त चौकियाल, गजेन्द्र रौतेला आदि मौजूद रहे।

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