भैरवदत्त असनोड़ा/गैरसैंण
अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति समेत 14 सूत्री मांगों को लेकर तहसील मुख्यालय पर व्यापार संघ बुधवार से आमरण अनशन शुरू हो गया है।
व्यापार संघ अध्यक्ष सुरेंद्र बिष्ट ने कहा कि, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैरसैंण में लोग लगातार अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग करते आ रहे हैं। इसको लेकर क्षेत्रवासियों में काफी आक्रोश व्याप्त है।
विशेषज्ञ चिकित्सकों के न होने के चलते सबसे अधिक परेशानियों का सामना ग्रामीण गर्भवती महिलाओं को करना पड़ रहा है। उन्हें अल्ट्रासाउंड और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए गैरसैंण से कई किलोमीटर दूर रानीखेत, हल्द्वानी या फिर श्रीनगर, देहरादून का रुख करना पड़ता है।
गैरसैंण क्षेत्र की 14 सूत्री मांगों
- सामुदाविक स्वास्थ्य केन्द्र गैरसैंण में विशेषज्ञ चिकित्सक, अल्ट्रासाउण्ड, सर्जन, फिजिशियन, बाल रोग, हडडी रोग, महिला रोग, नेत्र रोग विशेषज्ञों की तैनाती ।
- नगर पंचायत गैरसैंण में आवारा पशुओं के लिए गौशाला का निमार्ण।
- धारगैड़ मोटर मार्ग से सुनारगाँव, गैड़, काण्डा, खाल्यूतोफ तक मोटर मार्ग निर्माण।
- बुन्नारघाट से बाटाचार, गौल तक की सड़क के डामरीकरण निर्माण।
- रिखोली, जागड़ी, सेरा, बैल, कुमोली की सड़क के डामरीकरण।
- राजकीय स्नातकोत्तर महा विद्यालय गैरसैंण में एम.एस.सी. की कक्षाएँ संचालित एवं सडक डामरीकरण ।
- सारकोट, भैसोहासँण, कनसवाली, छजगाड़, मैलाणा, खरकागैर, स्कूलधार, सड़क डामरीकरण एवं स्कबर (कलबट) निर्माण।
- जूनियर हाईस्कूल महरगाँव से पञ्याणा मोटर मार्ग निर्माण।
- सेरा से नावली आरूडाली छपाली तक सड़क निर्माण।
- फरकण्डे चण्डियाल में उप स्वास्थ्य केन्द्र का निमार्ण।
- भराड़ीसैंण से चोरड़ा सड़क निर्माण एवं डोल्टू से सिलपाटा सडक निर्माण।
- मोबाइल टावर के ग्राम पंचायत चिमटा के स्वामीखिल तोक में लगवाना।
- पंचाली में उप स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण/ बनाना।
- राजकीय पालिटेक्निक गैरसैंण में फार्मेसी, सिविल इंजिनियर, कम्प्यूटर साइंस, इलैक्ट्रानिक संकाय संचालित करने एवं हास्टल का निर्माण।
महिलाओं ने दिया समर्थन
सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि इन मांगों को लेकर पूर्व में भी महिला मंगल दलों के साथ मिलकर 45 दिनों तक क्रमिक अनशन कर चुके हैं। विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन देकर मांगों के निस्तारण की मांग की जा चुकी है।
लेकिन आज तक उन मांगों पर कोई भी कार्रवाई शासन स्तर से नहीं हो पाई है। इस कारण भूख हड़ताल पर बैठने के लिए विवश होना पड़ रहा है।
व्यापार संघ अध्यक्ष ने कहा कि अगर मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो भूख हड़ताल आगे भी जारी रहेगी। इस दौरान कई महिलाएं और स्थानीय जनप्रतिनिधि इस आंदोलन को अपना समर्थन देने पहुंचे।