मोटर मार्ग पर व्यय किए करोड़ों रुपये की नहीं हुई जांच तो होगा आंदोलनः ग्रामीण

लक्ष्मण सिंह नेगी

ऊखीमठ – मनसूना – उनियाणा मोटर मार्ग के डामरीकरण व विस्तारीकरण पर विगत 10 वर्षों में 19 करोड़ से अधिक खर्च होने के बाद भी मोटर मार्ग जगह – जगह गढ़ढो मे तब्दील होता जा रहा है। बरसात के समय मोटर मार्ग का अधिकांश हिस्सों में तालाब बनना आम बात बनी हुई है जिससे राहगीरों को जान हथेली पर रखकर आवाजाही करनी पड़ रही है।

मदहोश्वर घाटी विकास मंच के वैनर तले जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने वर्ष 2019 मे लम्बा आन्दोलन कर मोटर मार्ग पर हुए 14 करोड़ रुपये व्यय होने की जांच की मांग की थी मगर सरकारी हुक्मरानों द्वारा ग्रामीणों को जांच के नाम पर कोरे आश्वासन ही मिले तथा जांच की मांग की फाइल आज भी सरकार की आलमारी मे कैद रहने से ग्रामीण अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं।

बता दे कि वर्ष 2014 मे पीएमजीएसवाई द्वारा ऊखीमठ-मनसूना-उनियाणा मोटर मार्ग के डामरीकरण व विस्तारीकरण पर लगभग 14 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की थी। ग्रामीणों के अनुसार विभागीय अधिकारियों व सरकारी नुमाइंदो द्वारा धनराशि की बन्दर बांट करने से मोटर मार्ग पर हुए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को दरकिनार करने से मोटर मार्ग निर्धारित समय से पहले ही जर्जर बन गया था।

मोटर मार्ग के पीएमजीएसवाई से लोक निर्माण विभाग को हस्तान्तरित होने के बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा विगत दिनों मोटर मार्ग के डामरीकरण व विस्तारीकरण पर लगभग पांच करोड़ रुपये पानी की तरह बहाया तो गया है फिर भी मोटर मार्ग अधिकांश स्थानों पर जानलेवा बना हुआ है।

मोटर मार्ग के अधिकांश स्थानों पर तालाबों व कीचड़ में तब्दील होने से ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है।

विगत माह 26 जुलाई को ग्रामीणों द्वारा जिलाधिकारी से मोटर मार्ग के डामरीकरण व विस्तारीकरण पर व्यय हुए करोड़ों रुपये की जांच की मांग की गयी थी तथा जिलाधिकारी द्वारा ग्रामीणों को उचित जांच करने का आश्वासन दिया गया था मगर एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जांच न होने से ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है।

ग्रामीणों का कहना है कि विभागीय अनदेखी के कारण मोटर मार्ग जानलेवा बना हुआ है। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि मोटर मार्ग पर विगत दिनों व्यय हुए करोड़ों रुपये की जांच नहीं की गयी तो ग्रामीणों को वर्ष 2019 की तर्ज पर आन्दोलन के लिए बाध्य होना पडे़गा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन व सम्बंधित विभाग की होगी।

बद्री केदार मन्दिर समिति पूर्व सदस्य शिव सिंह रावत ने बताया कि मोटर मार्ग कुछ स्थानों पर बरसात के समय हुए भूस्खलन व कुछ स्थानों पर विभागीय लापरवाही के कारण जानलेवा बना हुआ है।

मदमहेश्वर घाटी विकास मंच के पूर्व अध्यक्ष मदन भटट् का कहना है कि बरसात के समय हुए भूस्खलन के कारण कम व विभागीय लापरवाही से मोटर मार्ग जर्जर बना हुआ है जिससे मोटर मार्ग पर सफर करना जोखिम भरा हो रखा है।

वही विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बरसात के कारण मोटर मार्ग का शेष कार्य रोक दिया गया था बरसात के बाद शेष कार्य शुरू किया जायेगा।

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https://youtu.be/9QW0uH_UIwI?si=_LqA1VDPgBRYzOGf

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