भारतीय स्पेस एजेंसी (ISRO) ने एक बार फिर से इतिहास रच दिया है। इसरो ने अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (ईओएस-08) और स्टार्टअप कंपनी स्पेस रिक्शा के SR-0 सैटेलाइट को लेकर जाने वाले भारत के छोटे प्रक्षेपण यान SSLV को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है।
लॉन्चिंग शुक्रवार सुबह 9 बजकर 17 मिनट पर हुई। यह विकास के चरण में SSLV की तीसरी और अंतिम उड़ान है। इसके बाद रॉकेट पूर्ण परिचालन मोड में आ जाएगा।
इसके ज़रिए इसरो छोटे सैटेलाइट कम कीमत में लॉन्च कर सकेगा। इस बार SSLV अपने साथ EOS-08 सैटेलाइट लेकर जाएगा। यह सैटेलाइट धरती की तस्वीरें लेगा और मौसम की जानकारी देगा।
यह 24 घंटे पृथ्वी की तस्वीरें खींचेगा
SSLV (स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) 34 मीटर लंबा है और 500 किलोग्राम तक वजन ले जा सकता है। यह रॉकेट छोटे सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए बनाया गया है।
इससे पहले इसरो ने जनवरी-फरवरी में PSLV और GSLV रॉकेट लॉन्च किए थे। EOS-08 सैटेलाइट में तीन खास उपकरण लगे हैं।
पहला, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड– यह दिन और रात दोनों समय धरती की तस्वीरें लेगा। इससे आपदा प्रबंधन, पर्यावरण निगरानी और सुरक्षा में मदद मिलेगी।
दूसरा, ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड– यह समुद्र की सतह, मिट्टी की नमी और हिमालय के ग्लेशियरों की जानकारी देगा। यह बाढ़ की चेतावनी देने में भी मदद करेगा।
तीसरा, सिलिकॉन कार्बाइड अल्ट्रावॉयलेट डोसीमीटर– यह इसरो के गगनयान मिशन में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिए UV रेडिएशन की निगरानी करेगा। साथ ही, यह गामा रेडिएशन का पता लगाने में भी मदद करेगा।
इस मिशन के सफल होने पर इसरो का वाणिज्यिक विभाग न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड प्राइवेट कंपनियों के लिए भी सैटेलाइट लॉन्च कर सकेगा। इससे अंतरिक्ष में भारत की पकड़ और मजबूत होगी।
EOS-8 मिशन के बारे में इसरो ने कहा कि इस मिशन का मुख्य उद्देश्य एक माइक्रोसैटेलाइट विकसित करना है। साथ ही, नए उपकरण बनाना और भविष्य के उपग्रहों के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल करना है।