ACCIDENT: कांवड़ियों की तेज रफ्तार बनी दुर्घटना का सबब


गढ़वाल विवि के छात्र नेता कैवल्य जखमोला हुए गंभीर घायल
गंगा असनोड़ा

ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पर कांवड़ियों की तेज रफ्तार एक बार फिर दुर्घटना की सबब बनी। झुंड बनाकर साइलेंसर के साथ तेज हूटर बजाते हुए तेज रफ्तार में बाइकों पर सवार कांवड़ियों ने श्रीनगर में चुंगी और बीएसएनएल कॉलोनी के बीच ऐसा तांडव मचाया कि भक्तियाना की ओर से स्कूटी पर आ रहे कैवल्य और श्रीनगर की ओर से बाइक पर सवार कुलदीप आपस में भिड़ गए।

इस हादसे में कुलदीप को पैर में चोट आई, लेकिन छात्र नेता कैवल्य जखमोला गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें ढाई घंटे बाद श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के टीचिंग बेस अस्पताल से रेफर कर दिया गया।
ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुड़दंग मचाते कांवड़ियों का शोर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार 31 जुलाई 2024 को श्रीनगर (गढ़वाल) के चुंगी और बीएसएनएल कॉलोनी के बीच तेज रफ्तार में कट मारते हुए और हूटर बजाते वाहनों से निकलते कांवड़ियों से बचने की कोशिश में एक स्कूटी सवार और बाइक सवार आपस में टकरा गए।

इसमें गढ़वाल विवि के छात्र नेता कैवल्य जखमोला के सिर में गंभीर चोट आई है। लगातार उल्टी और अर्धबेहोशी में उन्हें देहरादून ले जाया गया है।

न्यूरो विशेषज्ञ की कमी से ढाई घंटे तक नहीं मिला जरूरी इलाज अंततः रेफर
बेस अस्पताल को सुविधा संपन्न बनाने के लिए भारी कवायदें चल रही हैं, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों के अभाव में जरूरत पड़ने पर अस्पताल प्रशासन के साथ ही रोगियों और तीमारदारों को भी एक-दूसरे का मुंह ताकना पड़ रहा है।

बुधवार को भी एक बार फिर ऐसी ही कशमकश में सभी लोग नजर आए, जब गंभीर घायल कैवल्य जखमोला को इलाज के लिए बेस अस्पताल लाया गया। करीब पौने एक बजे जब कैवल्य को बेस अस्पताल के इमरजेंसी में लाया गया, तो वहां तैनात जूनियर रेजीडेंट डा.शिवानी ने उन्हें प्राथमिक उपचार दिया।


इस मौके पर सर्जरी विभाग की ओर से पीजी रेजीडेंट ने गंभीर रूप से घायल कैवल्य जखमोला का परीक्षण किया तथा सर्जन डा.लक्ष्मण से मोबाइल से परामर्श लिया। दो घंटे तक इंतजार के बाद जब कैवल्य का सीटी स्कैन बेस अस्पताल में इसलिए नहीं हो पाया कि अर्धबेहोशी की हालत में वह लगातार हाथ और पैर चला रहे थे, तो गढ़वाल विवि के उनके अन्य साथियों तथा परिजनों ने उन्हें रेफर किए जाने का अनुरोध डॉक्टरों से किया। वहां तैनात ईएमओ डा.आरती के पास रेफर करने के अतिरिक्त कोई अन्य चारा भी नहीं था। गढ़वाल विवि की एंबुलेंस से उन्हें देहरादून ले जाया गया।

आठ दिनों में सिर्फ 67 चालान
आठ दिनों में आरटीओ की ओर से सिर्फ 67 कांवड़ियों का चालान किया गया है। ये चालान श्रीनगर-बदरीनाथ तथा कोटद्वार-लक्ष्मणझूला मार्ग पर किए गए हैं, जबकि बीते 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होने के बाद प्रतिदिन हजारों की संख्या में यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते कांवड़िये हर रोज उक्त दोनों राजमार्गों पर सरपट दौड़ते दिखाई दे रहे हैं, जिनसे आम जनता त्रस्त है।

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