दूसरे दिनश्रीनगर समेत कोटद्वार और पौड़ी में भी बंद रहे दवा प्रतिष्ठान Medicine establishments remained closed in Kotdwar and Pauri along with Srinagar for the second day

श्रीनगर में औषधि नियंत्रक विभाग की कार्रवाही का मामला
अति गंभीर मरीजों को जनहित में एसोसिएशन पहुंचा रहा मदद

गंगा असनोड़ा
श्रीनगर में आठ दवा व्यवसायियों पर औषधि नियंत्रण विभाग की कार्रवाही पर पौड़ी जिले के मुख्य शहरों कोटद्वार, पौड़ी व श्रीनगर-श्रीकोट के ड्रगिस्ट एवं कैमिस्ट एसोसिएशन विरोध में उतर आए हैं। वृहस्पतिवार को तीनों शहरों में दवा प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहे। यदि शुक्रवार तक आंदोलनकारी ड्रगिस्ट एंड कैमिस्ट एसोसिएशन की मांग नहीं मानी जाती, तो प्रदेशव्यापी बंद होने के आसार हैं। https://regionalreporter.in/category/%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a5%e0%a4%a8/

उत्तरांचल औषधि संघ के प्रदेश अध्यक्ष बीएस मनकोटी ने कहा है कि यदि विभाग ने उक्त मामले में सकारात्मक कार्रवाही नहीं की, तो प्रदेश भर के दवा दुकानदार लामबंद होने के लिए बाध्य होंगे। दवा विक्रेताओं की दुकान बंद होने से रूटीन की दवाओं के खरीददारों के साथ ही आकस्मिक विभाग तथा आईसीयू में भर्ती मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि अति गंभीर मरीजों को ड्रगिस्ट एंड कैमिस्ट एसोसिएशन जनहित को देखते हुए मदद पहुंचा रहा है।


बीते मंगलवार को श्रीनगर के संयुक्त चिकित्सालय के समीप औषधि नियंत्रण विभाग की छह सदस्यीय टीम ने औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के लिए प्रदेश के औषधि नियंत्रक अधिकारी ताजवर सिंह नेगी, गढ़वाल प्रभारी सुधीर कुमार, पौड़ी के औषधि नियंत्रक सीपी नेगी, महावीर राणा तथा दो विजिलेंस के सदस्य शामिल थे। निरीक्षण टीम ने डेढ़ वर्ष पूर्व औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम 1940 में संशोधन के तहत पारित शासनादेश के मुताबिक मेडिकल डिवाइस के लिए अलग से लाइसेंस दिखाए जाने को कहा, जो कि किसी भी औषधि विक्रेता के पास उपलब्ध नहीं थे। ऐसे में श्रीनगर के आठ दुकानदारों की खरीद और बिक्री पर अग्रिम आदेशों तक रोक के आदेश जारी कर दिए गए।


यहां गौर करने वाली बात यह है कि उत्तराखंड के पहाड़ी परिक्षेत्र में श्रीनगर ही एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां पर चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी तथा टिहरी की अधिकतम जनसंख्या स्वास्थ्य लाभ लेने पहुंचती है। ऐसे में उत्तराखण्ड के श्रीनगर में स्वास्थ्य विभाग की ऐसी त्वरित कार्रवाही गले नहीं उतरती। जिसमें एक लाइसेंस के लिए बिना किसी पूर्व निर्देश के आठ दुकानदारों की खरीद और बिक्री पर रोक लगा दिया जाए। हालांकि विभाग इसे सामान्य करार दे रहा है। औषधि नियंत्रण विभाग के गढ़वाल प्रभारी सुधीर कुमार ने बताया कि दवा विक्रेताओं को लाइसेंस के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया की जानकारी दे दी गई है। यदि वे अब तक आवेदन कर देते, तो उन्हें लाइसेंस जारी किए जा सकते थे।

जबकि ड्रगिस्ट एवं कैमिस्ट एसोसिएशन के सदस्य इस तरह कार्रवाही को औषधि विक्रेताओं का आर्थिक एवं मानसिक शोषण मान रही है। उत्तरांचल औषधि संघ के प्रदेश अध्यक्ष बीएस मनकोटी ने कहा कि यदि लाइसेंस की प्रक्रिया इतनी सरल होती, तो अब तक पूरे देश के औषधि विक्रेताओं के पास यह लाइसेंस होता। किसी भी प्रदेश में अभी तक ये लाइसेंस नहीं बने हैं। ऐसे में यह एकतरफा कार्रवाही किसी तानाशाही से कम नहीं, यदि कल तक विभाग अपना आदेश वापस लेकर लाइसेंस के लिए कम से कम एक माह का समय नहीं देता, तो इस मामले में प्रदेशव्यापी बंद किया जाएगा।

श्रीनगर समेत कोटद्वार और पौड़ी में भी बंद रहे दवा प्रतिष्ठान


श्रीनगर ड्रगिस्ट एंड कैमिस्ट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नरेश नौटियाल ने कहा कि औचक निरीक्षण विभाग की व्यवस्था है, लेकिन इसके लिए दवा विक्रेताओं को अल्टीमेटम देते हुए 15 दिन से 1 माह तक का समय दिया जाना चाहिए था। यदि इसके बावजूद व्यवसायी लाइसेंस उपलब्ध नहीं कराते, तो विभाग की कार्रवाही न्यायोचित होती, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

आकस्मिक सेवाओं में एसोसिएशन कर रहा मदद
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के तहत औषधि नियंत्रण विभाग की कार्रवाही से नाराज श्रीनगर, पौड़ी व कोटद्वार के ड्रगिस्ट एंड कैमिस्ट एसोसिएशन ने वृहस्पतिवार को दुकानों को पूरी तरह बंद रखा, लेकिन अति आवश्यकीय सेवाओं में जीवन रक्षक आवश्यकता पड़ने पर दवा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। बुधवार को श्रीनगर के श्रीकोट बेस अस्पताल तथा संयुक्त अस्पताल में ऐसी जरूरत पड़ने पर दो-दो मरीजों को एसोसिएशन की ओर से मदद भी पहुंचाई गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: