लू (हीटवेव) को लेकर 6 राज्यों में रेड अलर्ट

लू (हीटवेव) से हो चुकी 60 की मौत
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो

उत्तर भारत समेत देश के कई हिस्सों मे अत्यधिक गर्मी पड़ रही है। 25 मई से आने वाले 9 दिन तक चलने वाले नौतपा के चलते कई क्षेत्रों में पारा 48-50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।

राजस्थान के फलौदी में तो शनिवार को ही पारा 50 डिग्री तक पहुंच गया। मौसम विभाग ने 6 राज्यों में लू का रेड अलर्ट जारी किया है। भीषण गर्मी और लू के चलते देश में अब तक 60 लोगों की जान जा चुकी है। इस बीच शुक्रवार को बिजली की मांग 239.96 गीगावाट के साथ नए रिकाॅर्ड पर पहुंच गई।

लू (हीटवेव) क्या है ?
लम्बे समय तक अत्यधिक गर्म मौसम बरकरार रहने से हीटवेव बनता है। हीटवेव असल में एक स्थान के वास्तविक तापमान और उसके सामान्य तापमान के बीच के अन्तर से बनता है।

IMD के मुताबिक, यदि एक स्थान का अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों में कम-से-कम 40 डिग्री सेल्सियस तक और पहाड़ी क्षेत्रों में कम-से-कम 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है तो हीटवेव चलती है।

यदि वृद्धि 6.4 डिग्री से अधिक है और वास्तविक तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाए, तो इसे एक गम्भीर हीटवेव कहा जाता है। तटीय क्षेत्रों में, जब अधिकतम तापमान से 4.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाए या तापमान 37 डिग्री सेल्सियस हो जाए तो हीटवेव चलता है।

पांच राज्यों में प्रचंड गर्मी का अलर्ट
मौसम विभाग ने दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, यूपी, गुजरात और एमपी में अगले पांच दिनों के लिए भीषण गर्मी की चेतावनी दी है।

विभाग ने दिल्ली, राजस्थान, एमपी, गुजरात, पंजाब और हरियाणा के लिए लू का रेड अलर्ट जारी किया है। इन राज्यों में दिन के साथ ही रातें भी काफी गर्म रहेंगी। कई राज्यों में पारा पहले ही 44 डिग्री के पार हो गया है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 25 मई को सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के साथ ही नौतपा की शुरुआत हो गई है। यह 2 जून तक रहेगा। इस दौरान सूर्य पृथ्वी के काफी करीब होता है और उसकी किरणें धरती पर सीधे पड़ती हैं।

देहरादून में फिर 38.9 डिग्री पहुंचा पारा
देहरादून में शनिवार को तापमान 38.9 डिग्री पहुंच गया। इससे पूर्व 18 मई को तापमान 41 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। हालांकि मौसम विभाग ने रविवार को पर्वतीय जिलों में झोंकेदार हवाएं चलने और देहरादून समेत टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत और पौड़ी जिले में हल्की बारिश की संभावना जताई है।

लू हीटवेव के कारण
हीटवेव को मोटे तौर पर एक जलवायु सम्बन्धी घटना के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन इसमें आस-पास के पर्यावरणीय कारक भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उच्च वायुमण्डलीय दबाव प्रणाली वायुमण्डल के ऊपरी स्तर पर रहने वाली हवा को नीचे लाकर घुमाती है। इससे हवा में संकुचन के कारण तापमान बढ़ता है और हवा वहाँ से निकल नहीं पाती। इससे हीटवेव कई दिनों तक टिका रहता है।

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इंसानों पर लू का प्रभाव
इस समय लू नेशनल क्राइम ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा दर्ज एकमात्र स्वास्थ्य विकार है जो हीटवेव से सीधे जुड़ा है और यह प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली मौतों का तीसरा बड़ा कारण है।

लू शरीर का निर्जलीकरण कर देता है और प्रतिरोधक क्षमता को घटा देता है। यदि पहले से मौजूद अस्वस्थता को ध्यान में रखा जाए तो भारत की उच्च मृत्युदर और हीटवेव के बीच सम्बन्ध स्थापित किया जा सकता है।

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