सतत विकास लक्ष्यों में युवाओं का अहम योगदान

रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो

सतत विकास लक्ष्यों पर युवाओं और नागरिक समाज के लिए नीति-निर्माण बूटकैंप शुक्रवार, 30 अगस्त 2024 को दि डायस, सार्वजनिक नीति और सुशासन केंद्र, उत्तराखंड सरकार (सीपीपीजीजी), संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के सहयोग से सतत विकास लक्ष्यों पर युवाओं और नागरिक समाज के लिए एक नीति निर्माण बूटकैंप का आयोजन हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के चौरास परिसर में किया गया।

इस नीति-निर्माण बूटकैंप का उद्देश्य उन युवा दिमागों को एक साथ लाना था जो अपने परिवेश में बदलाव लाना चाहते हैं और ऐसी नीतियां लाना चाहते हैं जो उनके भविष्य की संभावनाओं को पूरा करती हों।

कार्यक्रम का संचालन अर्थशास्त्र विभाग, एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय द्वारा किया गया। कार्यक्रम का सुव्यवस्थित संचालन प्रो. प्रशांत कंडारी, डॉ. हिरण्मय रॉय, डॉ. नितिन बिष्ट, डॉ. राकेश नेगी एवं छात्र स्वयंसेवकों द्वारा किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत में प्रो. एम.सी. सती द्वारा दर्शकों के स्वागत भाषण के साथ हुई और उन्होंने प्रतिभागियों का परिचय दिया। उनके भाषण में अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का परिचय शामिल था। जैसे, डॉ. मनोज कुमार पंत (एसीईओ, सीपीपीजीजी), प्रो. हिमांशु बौराई डीन, स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज, एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय, सूरज चंद, एसडीजी, क्षमता निर्माण, संचार और प्रशिक्षण विश्लेषक, सीपीपीजीजी, प्रणव पंत संचार सहयोगी, यूएनडीपी, देहरादून और देवेश गुप्ता और रुमित वालिया, निदेशक, दि डायस ने अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का अभिनंदन किया।

डॉ. मनोज कुमार पंत ने दर्शकों को संबोधित कर बूटकैंप के पीछे के विचार से परिचित कराया। उन्होंने बताया कि कैसे कार्यशाला का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों को बेहतर ढंग से समझाना है, जिससे युवा परिवर्तनकर्ताओं को आगे आने और नीति-निर्माण प्रक्रिया में योगदान देने का आग्रह किया जा सके।

डॉ. पंत ने कुछ आर्थिक मुद्दों को संबोधित किया और प्रतिभागियों से सवाल किया कि क्या 2030 से पहले 17 एसडीजी हासिल करना संभव है या नहीं। डॉ. पंत ने कार्यशाला के इरादे को स्पष्ट करते हुए अपने भाषण का समापन किया कि इसमें व्यक्तियों की भूमिका पर जोर दिया गया है।

प्रो. हिमांशु बौराई ने अपने उद्घाटन भाषण में उल्लेख किया नीति की समावेशिता के बारे में बताया जहां युवा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उद्घाटन सत्र के अंत में अपने धन्यवाद ज्ञापन में डॉ. हिरण्मय रॉय ने बूट कैंप के संचालन के लिए माननीय कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल द्वारा दिए गए समग्र समर्थन और प्रोत्साहन का उल्लेख किया।

मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विद्यालय के डीन प्रो. हिमांशु बौराई को उनकी सौम्य उपस्थिति के लिए हार्दिक धन्यवाद। प्रो. एम.सी सती, विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र विभाग को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद।

उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन के लिए प्रो. प्रशांत कंडारी, डॉ हिरण्मय रॉय के साथ-साथ अन्य समन्वयक सदस्यों डॉ. नितिन बिष्ट, डॉ. राकेश नेगी और छात्र स्वयंसेवकों द्वारा किए गए अथक प्रयासों के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि डॉ. मनोज पंत, निदेशक सेतु आयोग योजना विभाग और एसीईओ सीपीपीजीजी बूट कैंप को सुविधाजनक बनाने में सहायक हैं। श्री सूरज चंद, एसडीजी क्षमता निर्माण, संचार और प्रशिक्षण विश्लेषक, सीपीपीजीजी और देवेश गुप्ता, निदेशक, डीएआईएस ने बूट कैंप के सफल आयोजन के लिए अपना उत्कृष्ट समर्थन प्रदान किया है।

पॉलिसी बूटकैंप के दौरान, छात्रों ने एक समूह गतिविधि में भाग लिया, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड में शहरीकरण और उत्तराखंड में युवा मानसिक स्वास्थ्य की दो चुनौतियों में से किसी एक को संबोधित करने के लिए समाधान तैयार करना था।

प्रतिभागी उत्तराखंड में युवा मानसिक स्वास्थ्य के लिए काम करने में रुचि रखते थे। छात्रों द्वारा दिए गए समाधान अच्छी तरह से स्वीकार किया गया था ।

गतिविधि चार महत्वपूर्ण मुद्दों के लिए नीतियां बनाने के इर्द-गिर्द: मानसिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में निवेश, जागरूकता अभियान, स्कूल-आधारित मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम और सामुदायिक सहायता प्रणाली। छात्रों ने इन मुद्दों से निपटने के लिए व्यापक रणनीतियों का प्रस्ताव रखा।

https://regionalreporter.in/chandi-prasad-bhatt-met-cm-dhami/
https://youtu.be/9QW0uH_UIwI?si=XMx_PpYH2APAcowa

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