रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
इस वर्ष सावन का महीना 22 जुलाई से 19 अगस्त तक है। सावन के महीने में ही कांवड़ यात्रा शुरू होती है। 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी। कांवड़ यात्रा को लेकर अभी से ही कई राज्यों में तैयारियां शुरू हो गई हैं।
कांवड़ यात्री जिन्हें कांवड़िए कहा जाता है, गंगा नदी से पवित्र जल लाने के लिए सैकड़ों किमी. पैदल यात्रा करते हैं। यह जल यहां से लेकर बाद में देवाधिदेव महादेव को अर्पित करते हैं। कांवड़ यात्रा हिंदू धर्म में भगवान शिव के प्रति भक्ति और समर्पण का प्रतीक है।
जाने क्या है कांवड़ यात्रा का महत्व
हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक चतुर्मास में पड़ने वाले श्रावण के महीने में कांवड़ यात्रा का बड़ा महत्व है। माना जाता है कि श्रावण मास में शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है, उन्हें केवल एक लोटा जल चढ़ा कर प्रसन्न किया जा सकता है।
लिहाजा ऐसी मान्यता भी है कि कांवड़ यात्रा के दौरान मांस, मदिरा, तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए और न ही कांवड़ का अपमान (जमीन पर नहीं रखना चाहिए) किया जाना चाहिए। कांवड़ यात्रा शिवो भूत्वा शिवम जयेत यानी ‘शिव की पूजा शिव बन कर करो’ को चरितार्थ करती है।
जाने कहां-कहां होती है कांवड़ यात्रा
देवाधिदेव महादेव को प्रसन्न करने के लिए भक्त गंगा, नर्मदा, शिप्रा आदि नदियों से जल भर कर उसे एक लंबी पैदल यात्रा कर शिव मंदिर में स्थित शिवलिंग पर उसे चढ़ाते हैं। उत्तराखंड में हरिद्वार, गोमुख और गंगोत्री और बिहार के भागलपुर में अजगैनीनाथ, सुल्तानगंज के हिंदू तीर्थ स्थानों पर गंगा नदी का पवित्र जल लाने के लिए जाते हैं। उत्तराखंड में कांवड़िया हरिद्वार, गोमुख, गंगोत्री से गंगा जल भर कर इसे अपने अपने इलाके के शिवालयों में स्थित शिवलिंगों पर अर्पित करते हैं। मध्य प्रदेश के देवास, शुजालपुर, इंदौर आदि जगहों से कांवड़ यात्री वहां की नदियों से जल लेकर उज्जैन में महादेव पर उसे चढ़ाते हैं। बिहार में श्रद्धालु सुल्तानगंज से गंगाजल भरकर करीब 108 किलोमीटर पैदल यात्रा कर झारखंड के देवघर में बाबा बैद्यनाथ को जल चढ़ाते हैं। वहीं सोनपुर के पहलेजा घाट से मुजफ्फरपुर के बाबा मुक्तिनाथ, गरीबनाथ, दूधनाथ, खगेश्वर मंदिर, भैरव स्थान मंदिरों पर भक्त गंगा जल चढ़ाते हैं।
उत्तराखण्ड में भी आगमी कांवड यात्रा के लिए तैयारियां शुरू
आगामी कांवड़ यात्रा 2024 को व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिये मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन द्वारा तीन करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। यह धनराशि कांवड यात्रा 2024 की विभिन्न व्यवस्थाओं हेतु विभागों की माँग के सापेक्ष स्वीकृत कर जिलाधिकारी हरिद्वार को उपलब्ध कराई गई है। मुख्यमंत्री द्वारा कांवड़ यात्रा की व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए पूर्व से आयोजित समीक्षा बैठकों में अधिकारियों को दिए गए थे।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि इस वर्ष कांवड़ यात्रा में सम्मिलित होने वाले श्रद्धालुओं को दी जाने वाली आवश्यक सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए साथ ही इस दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था एवं यातायात प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश उनके द्वारा दिए गए हैं।