देश के कुछ क्षेत्रों में एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस) के मामले मिलने से उत्तराखंड में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। हालांकि प्रदेश में अभी इस वायरस का कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ है लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर पर एडवाइजरी जारी की है।
प्रभारी स्वास्थ्य महानिदेशक डा. सुनीता टम्टा की ओर से सोमवार को सभी जिलाधिकारियों व मुख्य चिकित्साधिकारियों को एडवाइजरी जारी कर इसका पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।
एडवाइजरी में कहा गया है कि, वर्तमान में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस श्वसन तंत्र रोग वैश्विक रूप से प्रसारित हो रहा है, जो कि अन्य श्वसन रोगों के समान ही सामान्य सर्दी, जुकाम व फ्लू जैसे लक्षणों के साथ सर्दी जुकाम के मौसम में फैलता है।
एचएमपीवी भी सामान्य सर्दी-जुकाम के लक्षणों के साथ आता है, जिसमें मरीज तीन से पांच दिन की अवधि में स्वतः ठीक हो जाता है।
समुदाय स्तर पर इंफ्लूएंजा के लक्षण वाले मरीजों की सघन निगरानी की जाए, जिसका विवरण आईडीएसपी के पोर्टल पर दियाा जाए। यदि किसी व्यक्ति में बीमारी के लक्षण मिलते हैं तो संबंधित स्थान पर त्वरित नियंत्रण व रोकथाम की कार्यवाही अमल में लाई जाए। रेपिड रेस्पांग किया जाए।
वायरस का प्रसार और बचाव
HMPV वायरस खांसने और छींकने से फैलता है, और यह किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी फैल सकता है। इस वायरस का प्रसार सर्दी के मौसम में अधिक होता है।
इसके लक्षण में बुखार, खांसी, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान शामिल हो सकते हैं। बचाव के उपायों में मास्क पहनना, हाथों को नियमित रूप से धोना और सैनेटाइजर का उपयोग करना शामिल है।
क्या करें-
- बच्चों व बुजुर्गों और अन्य किसी गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्त्ति पर विशेष सावधानी बरती जाए। छींकते या खांसते समय नाक व मुंह को ढकने के लिए रूमाल या टिश्यू पेपर का इस्तेमाल किया जाए।
- भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
- हाथों को साबुन से धोकर साफ करें पानी व तरल पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करें और पौष्टिक आहार लें।
- सर्दी, जुकाम व बुखार के लक्षण होने पर चिकित्सक से परामर्श लें लक्षण होने पर स्वस्थ लोगों से दूरी बनाकर रखें।
क्या न करें –
- इस्तेमाल किए गए रूमाल व टिश्यू पेपर का दोबारा इस्तेमाल न करे।
- हाथ मिलाने से परहेज करें।
- लक्षण ग्रसित लोगों से नजदीकी संपर्क से बचें।
- बिना डाक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें।
- बार-बार आंख, नाक व मुंह को छूने से बचें।
- सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से परहेज करें।
- बच्चों को बाहर ले जाने से बचे।