भारती पाण्डे
अल्मोड़ा ज़िला, हमेशा से ही एक ठंडी जलवायु वाले शहर के रूप में जाना जाता है। सर्दियों में यहाँ मौसम का कोई भरोसा नहीं। कड़ाके की ठंड यहाँ हर किसी को घरों में बंद रहने को विवश कर देती है।
इसी ठंड भरी जलवायु को ध्यान में रखते हुए सभी विद्यालय शीतकालीन अवकाश के चलते पूरे जनवरी माह में बंद रहते हैं। लेकिन इस वर्ष अल्मोड़ा आंगनबाड़ी को मात्र पांच दिवसीय शीतकालीन अवकाश प्रदान किया गया है। जहाँ एक ओर शहर में सभी प्राथमिक से लेकर इंटर कॉलेज विद्यालयों में पूरे जनवरी माह के लिए शीतकालीन अवकाश घोषित किये गए हैं वहीं दूसरी तरफ आंगनबाड़ी केंद्रों में जहाँ मात्र 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चे पढ़ने जाते हैं वहाँ मात्र पांच दिवसीय अवकाश प्रदान किये गए हैं। 11 जनवरी से 15 जनवरी तक घोषित इन पांच दिवसीय अवकाशों से पहले और इनके बाद आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने आने वाले छोटे बच्चों को जनवरी की कड़ाके की ठंड में बच्चे केंद्रों में जाने के लिए विवश होंगे।
इसके अलावा विद्यालयों के शिक्षक भी शीतकालीन अवकाशों के चलते छुट्टियों का आनंद ले रहे हैं साथ ही शहर में स्थित विश्वविद्यालय भी बंद हैं। वहीं दूसरी तरफ पहले से ही तमाम ज़िम्मेदारियों के बोझ तले दबी आंगनबाड़ी कार्यकर्तियाँ इस ठंड में भी केंद्र संचालित रखने के लिए विवश हैं। साथ ही जानकारी के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों को पूरे वर्ष में मात्र 13 अवकाश ही विभाग द्वारा प्रदान किये जाते हैं। जिसके पीछे कई कारण नज़र आते हैं जैसे माह में 25 दिन अर्थात वर्ष में 300 दिन टेक होम राशन (THR) का वितरण किया जाना आदि। अल्मोड़ा शहर की एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि इस वर्ष शीतकालीन अवकाश के नाम पर घोषित 5 दिवसीय अवकाश असल में मात्र 3 कार्यदिवसीय अवकाश है क्योंकि इस बीच एक दिन रविवार तो एक दिन मकर संक्रान्ति का अवकाश है।
विभाग द्वारा ये पांच दिवसीय अवकाश विभाग की संवेदनशीलता पर प्रश्न उठा रहा है जहाँ इस ठंड में 3 से 6 वर्ष के बच्चे केंद्र आने को विवश हैं।