मां के भरपूर साथ ने दिलाया अंजना को मुकाम

रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो

नागर निकाय चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर वायरल हुई चाय वाली लड़की अंजना रावत ने नवसृजित नगर निगम के वार्ड संख्या 21 से जीत हासिल की।

इस वार्ड में कुल पड़े मान्य 632 मतों में से 273 मत अंजना रावत को तथा उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी कविता रमोला को 182 मत पड़ें, जबकि भाजपा प्रत्याशी प्रमिला भंडारी को 174 मत मिले। वर्ष 2008 में पिता गणेश सिंह की गंभीर बीमारी से मौत के बाद अंजना का जज्बा था कि वह सत्ररह साल की उम्र में अपने पिता की चाय की दुकान को चलाने के लिए आगे आई।

समाज के लोगों का साथ मिला तो कईयों ने यह भी कहा कि एक लड़की चाय की दुकान पर बैठते अच्छी नहीें लगती, ऐसे में मां रूकमणी देवी ने भरपूर साथ दिया। अंजना बताती हैं कि उनकी मां उनसे अकसर कहती, ”अच्छे व्यक्ति के साथ सदैव अच्छा होता है।“

वे आगे बताती है कि मां ने गाय-भैंस पालकर हमें पाला-पोसा। उनकी मजबूती और आचरण ने न सिर्फ दिशा दी, बल्कि आगे बढ़ने का जज्बा भी दिया। गृह विज्ञान शिक्षिका दीना कुकसाल तथा शांता बिष्ट को अपना आदर्श बताते हुए वे कहती हैं कि उन्होंने समय-समय पर मेरा मार्गदर्शन किया।

चाय की दुकान के साथ अंजना का पढ़ाई में रमे रहना इस युवा पार्षद की अभिलाषा को स्पष्ट करता है। सुबह आठ बजे घर से चाय की दुकान के लिए निकल जाना, बारह बजे से तीन बजे तक काॅलेज में पढ़ाई करना और फिर रात्रि आठ बजे तक चाय की दुकान संभालना अंजना की जीवनचर्या का हिस्सा तब तक बना रहा, जब तक अंजना ने समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर किया।

वार्ड 21 के योगेश उनियाल तथा प्रेम सिंह रावत ने अंजना को पार्षद पद के लिए चुनाव में खड़े होने की नसीहत दी और अंजना श्रीनगर नगर निगम की पार्षद चुन ली गई।

सैलून संचालक दीपक कुमार बने पार्षद

नगर निगम श्रीनगर के पहले चुनाव में सैलून संचालक दीपक कुमार ने पार्षद का चुनाव जीता है। यह जीत इस मायने में बहुत बड़ी है कि संविधान के अनुच्छेद 14-18 से मिली व्यवस्था तथा प्राप्त ‘समानता के अधिकार’ ने एक आम आदमी को पार्षद बनने का अवसर दिया।

दीपक कहते हैं कि उनके पास चुनाव लड़ने के लिए न ही पैसा था और ना ही कोई अन्य संसाधन। सर्वप्रथम उनके दादा शंकरू जी और फिर उनके पिता जगदीश कुमार तथा ताऊजी शिवचरण जी ने श्रीनगर में सैलून के काम से अपने परिवार का भरण-पोषण किया।

प्राथमिक शिक्षा लेने के बाद वे भी सैलून चलाकर ही अपनी आर्थिकी चलाते हैं, लेकिन वार्ड संख्या 23 आरक्षित होने पर भाजपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया। उनके छोटे भाई प्रदीप कुमार वर्तमान में शिक्षा विभाग में समूह ग के कर्मी हैं।

https://regionalreporter.in/one-gets-salvation-just-by-seeing-mother-ganga/

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