अंकिता के माता-पिता ने धरना छोड़ा, अब होगी न्याय यात्रा


आशुतोष की जान को है खतराः आशीष
अंकिता की मां ने कहा- जरूरत पड़ी, तो लडूंगी चुनाव
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो

श्रीनगर के पीपलचौरी चौराहे पर गत 13 दिनों से आंदोलनरत अंकिता भंडारी के माता-पिता ने सभी आंदोलनकारियों की सलाह पर आंदोलन को र्न्याय यात्रा में बदलने का निर्णय किया। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरे भाई आशुतोष नेगी को फर्जी मुकदमों में जिस तरह जेल में डाला गया है, वह एक षडयंत्र है। हम न्याय यात्रा लेकर जनता के बीच जाएंगे। यदि जरूरत पड़ी, तो मैं चुनाव भी लडूंगी। इस मौके पर पत्रकार आशुतोष नेगी से मिलकर लौटे उनके साथी आशीष नेगी ने कहा कि आशुतोष की जान को खतरा है।


श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए आशुतोष नेगी से मिलकर लौटे ठेठ पहाड़ी ग्रुप के संयोजक आशीष नेगी ने कहा कि वे आशुतोष नेगी के ऊपर दो फर्जी मुकदमे डाल दिए गए हैं। पहला मुकदमा इसलिए डाला गया कि वे अंकिता के न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं और दूसरा मुकदमा एक पुलिस अफसर द्वारा अपने घूसखोर भाई का पर्दाफाश कराने वाले पत्रकार आशुतोष नेगी से रंजिश निकालने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि जिस घटिया कार्यशैली का उदाहरण दिया जा रहा है, उससे लगता है कि कई और झूठे मुकदमे पुलिस पर उन पर लगा सकती है। उन्होंने यहां तक कहा कि जेल में या कोर्ट में ले जाते हुए भी उनके ऊपर हमला कर उनकी जान को खतरे में डाला जा सकता है।


इस बात को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि कल खाण्ड्यूंसैंण जेल में अंकिता हत्याकांड का आरोपी पुलकित आर्य भी था। जिसने आशुतोष नेगी को राम-राम कहे जाने का संदेश भिजवाया। उन्होंने यह भी कहा कि आशुतोष से पहले एससीएसटी एक्ट में ही गिरफ्तार किए गए दीप मैठाणी को रिहा करने का लालच देते हुए आशुतोष के लिए झूठी गवाही का दबाव बनाया जा रहा है।

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अंकिता की मां सोनी देवी ने कहा कि इन्हीं सब बातों के आलोक में हम समझ रहे हैं कि पुलिस और सरकार हमारे लिए कितनी क्रूर बन चुकी है। सरकार की इस क्रूरता को हम न्याय यात्रा के माध्यम से जनता के बीच ले जाएंगे और जरूरत पड़ी, तो मैं चुनाव भी लडूंगी। इस अवसर पर जस्टिस फॉर अंकिता कमेटी की सदस्य रेशमा पंवार, मुकेश सेमवाल, शकुंतला देवी, प्रभाकर बाबुलकर समेत कई अन्य आंदोलनकारी मौजूद रहे।

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